कोरोना ने मन में अलख जगाई, अब सबसे पहले होती साफ-सफाई
कोरोना संक्रमण काल से जहां जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है वहीं कोरोना काल ने खास से लेकर आम लोगों तक में साफ-सफाई की नियमित आदत को विकसित किया है। लोगों में साफ -सफाई के प्रति संवेदनशील होने की एक नई तस्वीर उभरी है।
बुलंदशहर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल से जहां जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं कोरोना काल ने खास से लेकर आम लोगों तक में साफ-सफाई की नियमित आदत को विकसित किया है। लोगों में साफ -सफाई के प्रति संवेदनशील होने की एक नई तस्वीर उभरी है। लोगों में समय-समय पर हाथ साफ करने अपने आस-पास सफाई रखना दिनचर्या में शामिल हो गया है। लॉकडाउन की अवधि ने राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन को गति प्रदान की है।
कोरोना संक्रमण के प्रकोप ने जहां सभी को घरों के दायरों तक ही सीमित कर दिया है, लेकिन देशव्यापी महामारी ने साफ-सफाई के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाने की एक सुखद तस्वीर भी पेश की है। घर से लेकर कार्यालय तक हर व्यक्ति में साफ -सफाई के प्रति संवेदनशील होने की नई आदत विकसित हो गई है। साफ -सफाई के प्रति गंभीर होने की आदत हमको स्वस्थ्य रखने में कारगर साबित होगी और राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन के लिए नए आयाम भी साबित होंगे। अब लोग घरों में साफ-सफाई प्रति जागरूक होने से स्वस्थ्य समाज विकसित होगा। आस-पास गंदगी रहने के कारण लोगों के स्वास्थ्य का प्रभावित करने वाले रोग भी समाप्त हो जाएंगे। नगर की यमुनापुरम कालोनी निवासी पीडब्ल्यूडी के प्रशासनिक अधिकारी पद से सेवानिवृत्त पीके शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन से लोगों में एक नई आदत विकसित कर दी है। वह प्रतिदिन स्वयं दिन में तीन-चार बार वॉशवेशन से लेकर दरवाजों की नियमित सफाई करते हैं। नियमित साफ-सफाई की आदत से राष्ट्रीय स्वचछता मिशन नए आयाम स्थापित करेगा।