अखबार पढ़ने से नहीं फैलता कोरोना: सीपी अग्रवाल
कोरोना वायरस को लेकर समाज में तरह-तरह के भ्रम फैल रहे हैं। लेकिन बुलंदशहरवासी किसी तरह का भ्रम न पालें। अखबार लोगों के पास तक सैनिटाइज होने के बाद सुरक्षित हाथों से ही पहुंचता है।
बुलंदशहर, जेएनएन। कोरोना वायरस को लेकर समाज में तरह-तरह के भ्रम फैल रहे हैं। लेकिन बुलंदशहरवासी किसी तरह का भ्रम न पालें। अखबार लोगों के पास तक सैनिटाइज होने के बाद सुरक्षित हाथों से ही पहुंचता है। लॉकडाउन में घर के अंदर ही अखबार पढ़कर देश-दुनिया की जानकारी लेते रहें।
जहांगीराबाद के शिवकुमार अग्रवाल जनता इंटर कालेज के प्रधानाचार्य सीपी अग्रवाल का कहना है कि अखबार छपने की प्रक्रिया अब बदल गई है। आधुनिक मशीनों से अखबार की प्रिटिग होती है। जब अखबार छपकर मशीन से बाहर निकलता है, तो उससे पहले सैनिटाइज हो जाता है। प्रिंटिग मशीन के आउटर भाग पर सैनिटाइजर मशीन लगी होती है। कई विशेषज्ञों से बात करने और परखने के बाद मैं ये दावा कर रहा हूं, कि अखबार छूने से कोरोना नहीं फैलता है। वैसे भी जब अखबार पाठक के हाथों तक पहुंचता है, तो प्रिटिग हुए तीन से चार घंटे हो चुके होते हैं। पहली बात तो मास्क और दस्तानें पहनकर पि्रंटिग मशीन पर लोग काम करते हैं, इसलिए अखबार संक्रमित होने का कोई सवाल नहीं उठता है। इसके बाद भी यदि अखबार में कोई संक्रमण होता भी है तो चार घंटे के समय में उसके जीवित रहने की संभावना नहीं है। अखबार की प्रिटिग के लिए खुद पेट्रोल इंक का प्रयोग किया जाता है। यह अपने आप में टॉक्सिक है। इस कारण भी वायरस के जीवित रहने की संभावना खत्म हो जाती है। वितरक भी मास्क व दस्ताने पहनकर ही अखबार डालते हैं। लॉक डाउन के चलते पूरे दिन घर में रहना होता है। अखबार के सहारे ही दिन व्यतीत होता है।