डीपीबीएस में शिक्षा नीति को लेकर विचार गोष्ठी सम्पन्न
अनूपशहर में दुर्गा प्रासाद बलजीत सिंह महाविद्यालय में छात्र कल्याण परिषद के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विचार गोष्ठी का आयोजन कर नीति को भारत के उत्थान में सहयोगी बताया गया। खुशी शर्मा विचार व्यक्त करने में प्रथम रही।
बुलंदशहर, जेएनएन। अनूपशहर में दुर्गा प्रासाद बलजीत सिंह महाविद्यालय में छात्र कल्याण परिषद के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विचार गोष्ठी का आयोजन कर नीति को भारत के उत्थान में सहयोगी बताया गया। खुशी शर्मा विचार व्यक्त करने में प्रथम रही।
शुक्रवार को नगर के डीपीबीएस महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय को लेकर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन करते हुए प्राचार्य डा. यूके झा ने छात्रों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन करने का आह्वान करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भारत के उत्थान में सहयोगी बताया। छात्र कल्याण परिषद के प्रभारी डा. पीके त्यागी ने बताया कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की महान संस्कृति के संरक्षण तथा संबधन में अग्रणी भूमिका निभाएगी, इसमें भारत देश की क्षेत्रीय विविधताओं का पूर्ण ध्यान रखा गया है। गोष्ठी में महाविद्यालय की विभिन्न कक्षाओं के 50 से अधिक छात्रों ने अपने विचार प्रकट किए। इसमें विजेताओं का चयन डा. शैलेन्द्र कुमार, डा. भुवनेश वाष्र्णेय, पंकज गुप्ता ने खुशी शमर प्रथम, भूमिका वाष्र्णेय द्वितीय, सुनिधि वर्मा को तृतीय स्थान पर चयनित किया गया। तीनों स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में डा.चन्द्रावती, डा.राधा उपाध्याय, डा.सीमांत दुबे, डा.केसी गौड़, गुरूदत्त शर्मा आदि मौजूद रहे। सैनी समाज की बैठक में शिक्षित व संगठित होने पर जोर
गुलावठी में सैनी समाज की बैठक धर्मवीर सैनी के आवास पर हुई। इसमें समाज के लोगों को शिक्षित व संगठित होने पर जोर दिया गया।
राजीव सैनी ने कहा कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपने बच्चों को शिक्षित जरूर करें। कहा कि वर्तमान में समाज को संगठित होने की आवश्यकता है। परमानंद सैनी ने कहा कि संगठित होने पर ही एकता का अहसास होता है। बैठक में समाज के लोगों ने निर्णय लिया कि जल्द ही नगर में समिति का गठन किया जाएगा। 24 जनवरी को जिला सैनी समाज के नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर भी चर्चा की गई। पृथ्वी सैनी, डालचंद सैनी, दिवाकर सैनी, राजीव सैनी, नीरज सैनी, राकेश, रामनाथ, जेपी सैनी, राजू सैनी, अजय सैनी, बनवारी, ललित सैनी, चिरंजीलाल सैनी, हरीश सैनी, हिमांशु सैनी आदि मौजूद रहे। संचालन हरीश सैनी ने किया।