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रोशनी से रोशन हुआ शहर, उत्साह में नगर वासी

रोशनी के त्यौहार दीपावली को जिले वासी उत्साह और श्रद्धा भाव के साथ मना रहे हैं। शनिवार को दिनभर त्यौहार की तैयारी घर के साथ बाजारों में भी चलती रही। शहर के बाजार जहां रोशनी के जगमग हैं वहीं लोगों के अपने घरों को भी मनमोहन लाइट से सजाया हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 07:52 PM (IST)
रोशनी से रोशन हुआ शहर, उत्साह में नगर वासी
रोशनी से रोशन हुआ शहर, उत्साह में नगर वासी

बुलंदशहर, जेएनएन। रोशनी के त्यौहार दीपावली को जिले वासी उत्साह और श्रद्धा भाव के साथ मना रहे हैं। शनिवार को दिनभर त्योहार की तैयारी घर के साथ बाजारों में भी चलती रही। शहर के बाजार जहां रोशनी के जगमग हैं, वहीं लोगों के अपने घरों को भी मनमोहन लाइट से सजाया हुआ है। शनिवार को छोटी दीपावली होने के कारण शहर वासियों का अधिक ध्यान अपने घरों को रोशन करने पर रहा।

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मान्यताओं के अनुसार 14 बरस का बनवास काटकर श्रीराम अयोध्या अपने घर वापस पहुंचे थे और अयोध्या वासियों ने उनका स्वागत घी के दीपक जलाकर किया था। सदियों बाद अब दीपावली ने कुछ आधुनिक रूप जरूर बदला है, लेकिन परंपरा और श्रद्धा भाव अभी भी कायम है। शुक्रवार को धनतेरस के बाद जिले वासियों ने रोशनी के पर्व का स्वागत करने के लिए तैयारी शुरू की। घरों को दुल्हन की तरह से सजाया गया और शहर के साथ देहात क्षेत्र के गांवों में भी नजारा काफी मोहक हो गया। रंगबिरंगी लाइटों से सजे बाजार और घरों ने अलौकिक छटा बिखेरी।

साज-सज्जा सामग्री की जमकर हुई खरीदारी

दीपावली पर अपने घर और प्रतिष्ठान को समान के लिए सबसे अधिक बिजली लाइटों के साथ मिट्टी के दीए और कत्रिम फूल मालाओं की भी जमकर खरीददारी हुई। दिनभर बाजारों में महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। इसके अलावा एक-दूसरे का गिफ्ट देने के लिए मिष्ठान की दुकानों पर भी लोगों ने जमकर खरीददारी की।

फलदायी होगी महालक्ष्मी की पूजा

ज्योतिष आचार्य मनजीत धर्मध्वज ने बताया कि दीपावली के दिन घर में आ रही लक्ष्मी की स्थिरता के लिए देवताओं के कोषाध्यक्ष धन एवं समृद्धि के स्वामी कुबेर की पूजा करने से नष्ट हुआ धन भी वापस मिल जाता है। कर्ज से मुक्ति के द्वार खुल जाते हैं। दीपावली की शाम 05 बजकर 36 मिनट से रात 08 बजकर 14 मिनट तक का समय सर्वश्रेष्ठ रहेगा। इसमें भी शाम 06 बजकर 40 मिनट से 08 बजकर 35 मिनट के मध्य (बृषभ) स्थिर लगन रहेगा। इसी अवधि के मध्य में दीप-दान एवं पूजन के लिए चित्रा नक्षत्र तुला राशिगत चंद्र तथा शुभ एवं अमृत चौघड़िया रहने से श्री महालक्ष्मी का पूजन कई गुना अधिक शुभ फलदायी रहेगा।


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