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शासन में अटका सेंट्रलाइज आक्सीजन की सुविधा का प्रस्ताव

बुलंदशहर : जिला अस्पताल में आक्सीजन सुविधा को सेंट्रलाइज करने की योजना का प्रस्ताव शासन में अट

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 09:48 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 09:48 PM (IST)
शासन में अटका सेंट्रलाइज आक्सीजन की सुविधा का प्रस्ताव
शासन में अटका सेंट्रलाइज आक्सीजन की सुविधा का प्रस्ताव

बुलंदशहर : जिला अस्पताल में आक्सीजन सुविधा को सेंट्रलाइज करने की योजना का प्रस्ताव शासन में अटक गया है। स्वास्थ्य अधिकारी आक्सीजन को सेंट्रलाइज करने के लिए दो बार शासन को प्रस्ताव भेज चुके हैं। लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण प्रस्ताव सिस्टम की फाइलों में फंसकर रह गया है। इसलिए मरीजों को आक्सीजन लगाने के लिए जिला अस्पताल में आज भी कर्मचारियों को सिलेंडर ढोने पड़ते है। अब फिर से प्रस्ताव भेजने के लिए अधिकारी योजना बना रहे हैं।

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खुर्जा सीएचसी पर मरीजों के लिए वार्ड में सेंट्रलाइज आक्सीजन की सुविधा है। लेकिन यहां के जिला अस्पताल में अभी भी वार्ड से लेकर आपरेशन थियेटर तक कर्मचारी आक्सीजन के सिलेंडर ढोते हुए दिखाई देते है। जैसे ही कोई गंभीर रोगी या सांस का रोगी आता है तो तुरंत डाक्टर कर्मचारी को आक्सीजन सिलेंडर लाने के लिए कहता है। इसके बाद सिलेंडर आता है और मरीज को आक्सीजन दी जाती है। जिला अस्पताल के वार्ड में प्रत्येक बैड पर और आपरेशन थियेटर में आक्सीजन की सप्लाई सेंट्रलाइज कराने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी दो बार प्रस्ताव शासन को भेज चुके हैं। लेकिन बजट नहीं मिला। नतीजन सेंटरलाइज आक्सीजन सुविधा फाइलों में फंसकर ही रह गई। इसलिए सेंट्रलाइज आक्सीजन सिस्टम के लिए बनाया गया कमरा शोपीस बना खड़ा है। सीएमएस डा. रामबीर ¨सह ने बताया कि दो बार शासन को जिला अस्पताल की कई सुविधाओं के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया। इसमें डिजीटल एक्सरे मशीन, सिटी स्कैन मशीन, सेंट्रलाइज आक्सीजन सुविधा से लेकर कई काम थे। डिजीटल एक्सरे मशीन और सिटी स्कैन मशीन के लिए तो बजट मिल गया, लेकिन सेंट्रलाइज आक्सीजन सुविधा के लिए बजट नहीं मिला।

गंभीर रोगियों को पड़ती है जरूरत

जिला अस्पताल में आने वाले गंभीर रोगियों, एक्सीडेंट के गंभीर घायलों और अस्थमा की बीमारी से पीड़ित लोगों को तत्काल आक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इनके लिए डाक्टर को कर्मचारी से सिलेंडर मंगाना पड़ता है। इसमें कई बार कई मिनट की देरी हो जाती है। तब तक रोगी को पीड़ा झेलनी पड़ती है। सेंट्रलाइज होने के बाद बैड के पास से तत्काल वॉल खुल जाएगा। साथ ही जितनी जरूरत होगी, उतनी गैस ली जाएगी। पूरा सिलेंडर खराब नहीं होगा।


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