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शिक्षा के मंदिर में बज रहा पर्यावरण संरक्षण का 'घंटा'

बुलंदशहर: पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकारी, गैर सरकारी स्तर पर तमाम प्रयत्न हो रहे हैं लेकिन इस श

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 09:37 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 09:37 PM (IST)
शिक्षा के मंदिर में बज रहा पर्यावरण संरक्षण का 'घंटा'
शिक्षा के मंदिर में बज रहा पर्यावरण संरक्षण का 'घंटा'

बुलंदशहर: पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकारी, गैर सरकारी स्तर पर तमाम प्रयत्न हो रहे हैं लेकिन इस शैक्षिक संस्थान में हुई पहल लीक से जरा हटकर है। जैनपुर रोड स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षुओं को सेमेस्टर पूरा होने के बाद एक पौधा रोपना होता है। इसके अलावा हर प्रशिक्षु अपने जन्मदिन पर भी पौधा रौपता है। डायट प्राचार्य की पहल पर सिर्फ एक साल पहले शुरू हुई इस मुहिम के तहत अब तक एक हजार से ज्यादा पौधे रोपे जा चुके हैं। यदि अन्य शैक्षिक संस्थान भी ऐसी ही पहल करें तो परिसरों में हरियाली बढ़ाने के साथ-साथ विद्यार्थियों को सरल और सहज ढ़ंग से पर्यावरण संरक्षण का ककहरा भी पढ़ाया जा सकता है।

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डायट में 280 प्रशिक्षु विद्यार्थी हैं। प्रत्येक सेमेस्टर की परीक्षा समाप्त होने के बाद एक-एक पौधा रोपते हैं। सभी प्रशिक्षुओं के जन्मदिन का कैलेंडर भी विभाग में लगा हुआ है। जन्मदिन पर भले ही केक न कटे लेकिन हर प्रशिक्षु इस दिन को यादगार बनाने के लिए परिसर में एक पौधा जरूर लगाता है। परिसर में अब तक एक हजार से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं।

परिसर में ही बनी है नर्सरी

डायट प्राचार्य बताते हैं कि पौधरोपण के लिए प्रशिक्षुओं पर कोई आर्थिक वजन नहीं डाला जाता। इसके लिए परिसर में ही नर्सरी बना रखी है, जिसमें नीम, जामुन शीशम, पीपल, अर्जुन, हार¨सगार के अलावा अन्य फूल व फलदार पौधे हैं। जरूरत पड़ने पर बाहर से भी पौधे खरीद लेते हैं। पुरातन प्रशिक्षु भी करते हैं सहयोग

ऐसा नहीं है कि सिर्फ प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षु ही पौधरोपण करते हैं। डायट से प्रशिक्षण लेकर जा चुके विद्यार्थी भी इस मुहिम से जुड़े हैं। शादी, जन्मदिन या अन्य ऐसे अवसरों पर वे परिसर में आकर पौधरोपण करते हैं। वे समय-समय पर आकर इन पौधों को देखते भी हैं। आम लोग भी कर सकते हैं पौधरोपण

जिले के अन्य लोगों को भी परिसर में पौधरोपण करने का अवसर दे रखा है। इसके लिए विभाग ने बाकायदा आवेदन की व्यवस्था की हुई है। इच्छुक लोग अपने पूर्वजों की याद, बेटा या बेटी की शादी, बच्चों के जन्मदिन आदि पर यहां पौधे लगा सकते हैं। इसके लिए उन्हें आवेदन करना होगा। अगर वह पौधा स्वयं लाते हैं तो कोई फीस नहीं होती, लेकिन परिसर की पौधशाला से पौधा लेने पर निर्धारित फीस जमा करनी पड़ती है। ट्री गार्ड के लिए अलग से शुल्क जमा कराया जाता है। पिछले साल ही यह अभियान शुरू किया था। इसके चलते परिसर में चारों तरफ हरियाली है। अभियान का उद्देश्य प्रशिक्षुओं के साथ-साथ आमजन को भी पर्यावरण संरक्षण और पौधरोपण के प्रति जागरूक करना है। इसमें सफलता भी मिल रही है।

-डा. महेंद्र ¨सह राणा, प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बुलंदशहर


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