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हौसलों से दी वायरस को मात, तब मिला अपनों का साथ

मजबूत इरादे वाले 79 बुलंदशहरवासी अब तक कोरोना को मात दे चुके हैं। महामारी को हराने वाले लोग अब घर पर रहकर लॉकडाउन का पालन कर घर पर ही आराम कर रहे हैं। साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले भोजन का सेवन कर रहे हैं। इनकी जीवन शैली में भी बदलाव आया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 07:48 PM (IST)
हौसलों से दी वायरस को मात, तब मिला अपनों का साथ
हौसलों से दी वायरस को मात, तब मिला अपनों का साथ

बुलंदशहर, जेएनएन। मजबूत इरादे वाले 79 बुलंदशहरवासी अब तक कोरोना को मात दे चुके हैं। महामारी को हराने वाले लोग अब घर पर रहकर लॉकडाउन का पालन कर घर पर ही आराम कर रहे हैं। साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले भोजन का सेवन कर रहे हैं। इनकी जीवन शैली में भी बदलाव आया है।

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पहला कोरोना पॉजिटिव केस की पुष्टि 29 मार्च को सिकन्दराबाद क्षेत्र के गांव वीरखेड़ा निवासी अतुल शर्मा को हुई। जोकि नोएडा की सीज फायर कंपनी के मालिक से संक्रमित हुआ। इसके बाद कोरोना की चेन बढ़ती गई और जिले में पैनिक फैलता गया। अतुल शर्मा 20 अप्रैल को कोरोना मुक्त होकर बीमारी को हराने वाले पहले योद्धा बने। इसके बाद वायरस मुक्त हुए लोगों की संख्या बढ़ती गई। अब तक कुल 79 बीमार लोग वायरस से मुक्त हुए। इनमें से 54 लोग क्वारंटाइन पीरियड पूरा करके घरों पर आराम कर रहे हैं। बीमारी से बचने के बाद ये लोग परिवार और मोहल्ले के लोगों को बीमारी से लड़ाई के किस्से सुना रहे हैं, उनके साथ अस्पताल में कैसे इलाज मिला, उन्हें खाने में क्या मिला? कैसे उन्होंने बीमारी को हराया।

सुबह को मिलता नाश्ता, दोपहर में हल्का भोजन

जब रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो एक बार को घबरा गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने इलाज के साथ मनोबल भी बढ़ाया। सुबह नाश्ता मिलता था। दोपहर में हल्का भोजन, शाम को चाय और रात को हल्का भोजन और इसके दो घंटे बाद आधा गिलास दूध मिलता था। निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद कोई दवा भी नहीं चल रही है। अब हम रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला भोजन खा रहे हैं और नियमित योग कर रहे हैं।

-लता मधुर, भाजपा नेता शिकारपुर वायरस से घरबाने की जरूरत नहीं

कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं। बस सावधानी बरतने की जरूरत है। यदि कोई संक्रमित हो भी जाए तो इलाज और हौंसले से बीमारी को चंद दिनों में हरा सकते हैं। डाक्टर और स्टाफ बहुत सहयोग करते हैं। उन्होंने चिकित्सकों का आभार जताया। इसके साथ ही कोरोना पर इन्होंने कविता लिखी है। हम अपनी भारत माता का अब शीश नहीं झुकने देंगे, अब दुष्ट कोरोना को भारत में और नहीं टिकने देंगे। ये कविता कवि ने कोरोना से मुक्त होने के बाद क्वारंटाइन सेंटर में लिखी।

-हर्ष मधुर, कवि एवं गीतकार, शिकारपुर इन्होंने कहा..

कोरोना से मुक्त होने के बाद भी मरीज को सावधानी बरतने की जरूरत है। घर जाकर हल्का शाकाहारी भोजन खाएं। घर पर रहकर ही नियमित व्यायाम करें। भोजन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला होना चाहिए। घर के बाहर न निकलें। दिन में कई बार हाथों को धोएं, मास्क लगाएं। घर में साफ-सफाई जरुर रखें।

-डा. दिनेश कुमार, सीएमएस जिला अस्पताल


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