हड़ताल से बैंकों में 250 करोड़ का कारोबार प्रभावित
लंबित मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बुधवार को बैंक बीएसएनएल ऊर्जा निगम रेलवे समेत दर्जनभर विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। एक दिवसीय हड़ताल से हजारों लोग परेशान रहे। साथ ही बैंकों में 250 करोड़ से अधिक का लेनदेन प्रभावित हुआ। कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों ने अपने-अपने बैनर हाथों में लेकर प्रदर्शन भी किया।
बुलंदशहर, जेएनएन। लंबित मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के बुधवार को बैंक, बीएसएनएल, ऊर्जा निगम, रेलवे समेत दर्जनभर विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। एक दिवसीय हड़ताल से हजारों लोग परेशान रहे। साथ ही बैंकों में 250 करोड़ से अधिक का लेनदेन प्रभावित हुआ। कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों ने अपने-अपने बैनर हाथों में लेकर प्रदर्शन भी किया।
शहर के राजेबाबू पार्क में यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के सचिव ब्रिजेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी आर्थिक नीतियों के खिलाफ देशभर के करोड़ों कर्मचारी हड़ताल पर हैं। पीएनबी, इंडियन बैंक, यूनाइटेड बैंक, यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक, कैनरा बैंक, नैनीताल बैंक समेत सभी बैंकों की शाखाओं में शहर से देहात तक कामकाज बंद रहा। यूनियन के जिला संयोजक विक्रम सिंह राघव ने कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को खराब कर दिया है। वर्ष 2019-20 में जीडीपी दर पांच फीसद पर आ गई है। बैंक कर्मचारी देश के आर्थिक सिपाही हैं। बैंकों का विलय करके सरकार बेरोजगारी बढ़ा रही है। बैंकों में भर्ती करने, पुरानी पेंशन बहाल करने, बैंकों की विलय नीति वापस लेने,11वां वेतन समझौता शीघ्र लागू करने समेत कई मांगों को लेकर बैंककर्मी हड़ताल पर हैं। एलडीएम विजय गांधी ने बताया कि अधिकांश बैंकों में कामकाज बंद रहा है। इसके चलते 250 करोड़ से अधिक का लेनदेन प्रभावित हुआ है। अलग-अलग विभागों के सौ से बैंक कर्मचारी मौजूद रहे। परेशान होकर वापस लौटे
अधिकांश लोगों की बैंक की हड़ताल का पता नहीं था। इसलिए अधिकांश लोग लेनदेन करने के लिए संबंधित बैंक शाखा पर पहुंचे। बैंक पहुंचने पर पता चला, कि हड़ताल के चलते काम नहीं होगा। हजारों लोग बैंक तक जाकर घर वापस लौटे। मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ की सभा लोकनिर्माण विभाग के संघ भवन पर आयोजित हुई। महासंघ के जिलाध्यक्ष पीके शर्मा ने कहा कि आंगनबाड़ियों का वेतन 18 हजार प्रतिमाह सुनिश्चित किया जाए। चतुर्थ श्रेणी पदों को पुनर्जीवित किया जाए। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के जिलाध्यक्ष हरबीर सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रदेश के सभी संगठन एकजुट हैं और मिलकर र्अदोलन चलाएंगे। राजीव शर्मा, प्रवीण कुमार, जिलाध्यक्ष संदीप शर्मा, बाबू सिंह, शाहनवाज, बुद्धपाल सिंह, त्रिवेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे। ये हैं प्रमुख मांगे
-असंगठित क्षेत्र के कर्मियों के लिए 21 हजार रुपये न्यूनतम वेतन निर्धारित किया जाए
-वर्षभर कार्य के लिए ठेका प्रथा, आउट सोर्सिंग व्यवस्था बंद की जाए
-संविदाकर्मियों का नियमितीकरण हो, बोनस व पीएफ का भुगतान हो
-आंगनबाड़ी, आशा, मिड डे मील कर्मियों को स्थाई किया जाए
-श्रम कानून सख्ती से लागू किया जाए, मजदूर विरोधी संशोधनों को हटाया जाए