अंतिम संस्कार तक पुलिस की अटकी रहीं सांसें
बुलंदशहर: सुमित का शव मंगलवार शाम को गांव पहुंचते ही पुलिस अधिकारियों की सांसे अटक गइ
बुलंदशहर: सुमित का शव मंगलवार शाम को गांव पहुंचते ही पुलिस अधिकारियों की सांसे अटक गई, क्योंकि ग्रामीण सुमित के परिजनों की शहीद हुए इंस्पेक्टर के समान आर्थिक मदद दिलाने की मांग कर रहे थे और मदद की घोषणा न होने पर ग्रामीणों व परिजनों ने सुमित का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया था। दो घंटे तक ग्रामीण व परिजनों से पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की वार्ता हुई, जिसके बाद अधिकारियों ने सुमित के परिजनों की पांच लाख आर्थिक मदद की घोषणा की। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के लेटर हेड पर मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भी प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा हैं।
सुमित के शव का पोस्टमार्टम मेरठ में हुआ था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस अधिकारियों ने पूरी तैयारी कर ली थी, ताकि गांव में सुमित का शव पहुंचते ही कोई फिर से बवाल न हो जाए, लिहाजा पुलिस अधिकारियों ने वहां पैरा मिल्ट्री फोर्स, पीएसी के अलावा भारी संख्या पुलिस फोर्स बुला लिया था, जिसमें महिला पुलिस भी शामिल थी। मंगलवार को साढ़े तीन बजे जैसे सुमित का शव ¨चगरावठी गांव में घर पहुंचा तो गांव की महिलाएं व बुजुर्ग लोग सुमित के घर पहुंचने लगे। शाम करीब साढ़े छह बजे गांव में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में सुमित का गांव में अंतिम संस्कार भी किया। मुखाग्नि बड़े भाई विनित ने दी।