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बुलंदशहर की स्याना हिंसा में मारे गए सुमित की प्रतिमा स्थापित, परिवारीजन ने की पूजा-अर्चना

सुमित के परिवारीजन ने घर के प्रांगण में ही उसकी प्रतिमा की स्थापना करने के बाद पूजा-अर्चना की। सुमित के परिवारीजन ने अपने निजी परिसर में उनकी प्रतिमा स्थपित की।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 01:35 PM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 01:35 PM (IST)
बुलंदशहर की स्याना हिंसा में मारे गए सुमित की प्रतिमा स्थापित, परिवारीजन ने की पूजा-अर्चना

बुलंदशहर, जेएनएन। गोकशी की सूचना पर स्याना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम चिंगरावठी में हिंसा के दौरान सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी।

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इसके करीब 11 महीने बाद सुमित के परिवारीजन ने घर के प्रांगण में ही उसकी प्रतिमा की स्थापना करने के बाद पूजा-अर्चना की। सुमित के परिवारीजन ने अपने निजी परिसर में उनकी प्रतिमा स्थपित की।

सुमित के पिता ने धर्म परिवर्तन कर आत्मदाह की चेतावनी दी

सुमित के पिता अमरजीत ने पत्रकार वार्ता में कहा कि अगर सरकार पूर्व में की गई सभी घोषणाओं को जल्द पूरा नहीं करती है तो आगामी तीन दिसंबर को वह धर्म परिवर्तन कर आत्महत्या कर लेंगे। अमरजीत ने कहा कि वह लगातार सरकार से घटना की जांच सीबीआइ से कराने की मांग कर रहेे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। कहा कि उल्टा उसके मृत बेटे सुमित को कोतवाल सुबोध कुमार की हत्या में शामिल कर उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा दिया था। अमरजीत ने कहा कि उसके बेटे की हत्या कोतवाल से पहले ही हो गई थी। तो फिर उसका बेटा कोतवाल की हत्या में कैसे शामिल हो गया।

यह हैं मांग

- सुमित को शहीद का दर्जा मिले।

- मामले की सीबीबाइ से जांच कराई जाए

- छोटे बेटे को सरकारी नौकरी व 50 लाख मुआवजा।

यह था मामला

बुलंदशहर में बीते वर्ष तीन दिसंबर को कोतवाली क्षेत्र के ग्राम महाव के जंगल में गोवंश के अवशेष मिलने पर भीड़ आक्रोशित हो गई थी। भीड़ ने वहां से गोवंश के अवशेषों को ट्रैक्टर ट्रॉली में लादकर स्याना-बुलंदशहर हाईवे स्थित चिंगरावटी पुलिस चौकी के निकट जाम लगा दिया था।

इसके बाद पुलिस पर पथराव करते हुए चौकी फूंक दी थी। बवाल में स्याना कोतवाल सुबोध कुमार शहीद हो गए थे। चिंगरावठी निवासी सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में बजरंग दल नेता योगेश राज व फौजी जीतू सहित 44 लोगों को जेल भेजा गया था। राजद्रोह की धारा भी लगाई गई थी। इनमें योगेश राज व जीतू सहित 38 लोग जमानत पर जेल से छूट चुके हें। गोकशी मामले में 10 लोगों को जेल भेजा गया था। छह पर रासुका लगाई गई थी। इनमें एक को ही जमानत मिल सकी है। 


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