भागवत कथा से दूर होते हैं मन के विकार
डीएम रोड स्थित श्री नवदेश्वरधाम मंदिर में श्री काष्ण्रि बांके बिहारी मित्र मंडल में तत्वावधान में छठे दिन शनिवार को भी श्रीमद् भागवत कथा जारी रही। जिसमें कथा वाचक ने महारास प्रसंग का वर्णन किया।
बुलंदशहर, जेएनएन : डीएम रोड स्थित श्री नवदेश्वरधाम मंदिर में श्री काष्ण्रि बांके बिहारी मित्र मंडल में तत्वावधान में छठे दिन शनिवार को भी श्रीमद् भागवत कथा जारी रही। जिसमें कथा वाचक ने महारास प्रसंग का वर्णन किया।
काष्ण्रि सुमेधानंद महाराज ने कहा कि महारास संपूर्ण भागवत का वांगमय स्वरूप है। कहा कि जो महारास कथा का श्रद्धा-भाव के साथ श्रवण करता है, उसके मन के सभी विकार दूर हो जाते हैं। गोपी उद्धव प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में प्रेम का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। प्रेम और भक्ति द्वारा ही मनुष्य भगवान की प्राप्ति कर जन्म-मरण के चक्कर से छूट जाता है। भगवान धन नहीं अपितु प्रेम से भक्त के वश में हो जाते हैं। रुक्मणी ने पति के रूप में भगवान श्री कृष्ण की कामना की। रुक्मणी कथा का श्रवण जो भी भक्त करता है, उसको भगवान की प्राप्ति होती है। भागवत कथा का श्रवण हमें सभी पापों से मुक्त कर देता है। भागवत कथा से पुण्य अर्जित होता है। जो भक्त श्रद्धा-भाव के साथ संपूर्ण कथा का श्रवण करता है उसके जीवन का कल्याण हो जाता है। रविवार को सुदामा चरित्र प्रसंग का वर्णन किया जाएगा। कथा में गौरव अग्रवाल, मोनिका अग्रवाल, संजय गोयल, विशाल अग्रवाल, भूपेंद्र चौधरी, जिले सिंह, रविकांत, अरुण गोयल, उदयपाल सिंह, विवेक शर्मा मौजूद रहे।