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सुंदर-मुंदरिए हो, तेरा कौन विचारा हो..

सुंदर-मुंदरिए हो तेरा कौन विचारा हो दुल्ला भट्टी वाला हो गई लोहड़ी वे. बना लो जोड़ी वे. जैसे पारंपरिक गीत-संगीत के साथ लोहड़ी पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान गीत-संगीत ढोल-नगाड़ों की थाप पर लोगों ने जमकर भंगड़ा किया। देर शाम पारंपरिक तरीके से लोगों ने अपने घरों या सामूहिक तौर पर लोहड़ी जलाई। इसके चारो ओर परिक्रमा करके सुख समृद्धि की कामना की गई। लोगों ने एक दूसरों को लोहड़ी की बधाईयां दीं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 11:20 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 11:20 PM (IST)
सुंदर-मुंदरिए हो, तेरा कौन विचारा हो..
सुंदर-मुंदरिए हो, तेरा कौन विचारा हो..

जेएनएसन, बुलंदशहर। सुंदर-मुंदरिए हो, तेरा कौन विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो, गई लोहड़ी वे. बना लो जोड़ी वे. जैसे पारंपरिक गीत-संगीत के साथ लोहड़ी पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान गीत-संगीत, ढोल-नगाड़ों की थाप पर लोगों ने जमकर भंगड़ा किया। देर शाम पारंपरिक तरीके से लोगों ने अपने घरों या सामूहिक तौर पर लोहड़ी जलाई। इसके चारो ओर परिक्रमा करके सुख समृद्धि की कामना की गई। लोगों ने एक दूसरों को लोहड़ी की बधाईयां दीं।

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लोहड़ी पर्व को लेकर शहर में जगह-जगह मूंगफली, गजक, तिल, मूंगफली, मक्के के दाने आदि की दुकानें सजी थीं। दुकानों पर सुबह से ही भीड़ उमड़ी रही। बच्चों ने भी सुबह से ही लोहड़ी मांगना शुरू कर दिया था। शाम को सूर्य ढलने के बाद देर शाम धूमधाम से लोहड़ी जलाई गई। घरों में कई प्रकार के पकवान बनाए गए। शहर के लाजपतपुरी, हरिशचंद नगर, धर्मपुरा स्थित पंजाबी मोहल्ले में विशेष आयोजन किए गए। ढोल-नगाड़ों की थाप पर पारंपरिक गीतों पर नृत्य कर लोहड़ी जलाई गई। इसमें तिल, रेवड़ियां, मूंगफली और चावल आदि का अ‌र्घ्य देकर सुख समृद्धि की कामना की गई। इस दौरान महिलाओं ने आओ भंगड़ा पाएं इस बार, ट्विंकल, ट्विंकल लिटिल स्टार, फिर गई भंगड़े दी बारी, लोहड़ी मनोदी करो तैयारी., आग दे कोल सारे आओ, सुंदर, मुंदरिए जोर नाल गाओ, गई लोहड़ी वे, बना लो जोड़ी वे.जैसे पारंपरिक लोहड़ी गीत गाए। बच्चे, बड़े और बुजुर्ग ने एक-दूसरे को लोहड़ी की बधाई दी। यहां रही खासी रौनक

लोहड़ी पर्व पर गुरुद्वारों में शबद कीर्तन हुआ। खासतौर से जिन घरों में शादी हुई हैं या जिन घरों में बच्चे का जन्म हुआ है वहां खासी रौनक रही। लोहड़ी मांगने वाले इन घरों में सबसे ज्यादा पहुंचे। किसी ने लाची दामना हो लाची टूट गई हो.. के गीत पर लोहड़ी मांगी तो किसी ने दुल्ला भट्टी वाला हो तो किसी ने हिरणा ओ हिरणा के गीत गाकर लोहड़ी मांगी। एक दूसरे के साथ त्योहार की खुशियों को साझा किया।


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