दो महिला अधिवक्ता पर हमले में तीन पर मुकदमा
पिछले सप्ताह नगर के एक हास्पिटल के बाहर दो महिला अधिवक्ताओं पर उसकी सौतन व अन्य ने हमला कर दिया। दोनों ही महिलाओं की गला दबा कर हत्या की कोशिश की। शोर मचने पर भीड़ एकत्र हो गई तो हमलावर भाग गई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।
बुलंदशहर, जेएनएन। पिछले सप्ताह नगर के एक हास्पिटल के बाहर दो महिला अधिवक्ताओं पर उसकी सौतन व अन्य ने हमला कर दिया। दोनों ही महिलाओं की गला दबा कर हत्या की कोशिश की। शोर मचने पर भीड़ एकत्र हो गई तो हमलावर भाग गई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।
कोतवाली नगर के आवास-विकास कालोनी की रहने वाली एडवोकेट शशिबाला के अनुसार 12 फरवरी 2018 को उनकी शादी गांव शेरपुर गांगरौल निवासी रामजीलाल के बेटे यशपाल से हुई थी। आरोप है कि दो साल से पति अलग रह रहा है और उसने अब दूसरी शादी कर ली है। अधिवक्ता ने बताया कि 15 जनवरी को को जब वह अपनी साथी अधिवक्ता भावना पंडित के साथ तहसील की ओर जा रही थी तो अचानक एक अस्पताल के सामने उसे अपनी सौतन एवं मकान मालकिन तथा उनकी लड़की मिली। शशिबाला ने आगे बढ़ कर सौतन से बात करनी चाही तो उक्त तीनों ने ही उन पर हमला कर दिया। दुप्पटे से दोनों ही अधिवक्ताओं का गला दबा कर हत्या करने का प्रयास किया। शोर मचा तो भीड़ जुट गई, जिसे देख हमलावर तीनों भाग निकले। इंस्पेक्टर अखिलेश त्रिपाठी ने बताया कि शशिबाला ने अपनी सौतन बबीता सहित तीन पर मुकदमा दर्ज कराया है। अधिवक्ताओं की हत्या से जिले के अधिवक्ताओं में आक्रोश
बुलंदशहर में बिहार में दो अधिवक्ताओं की हत्या से जिले के अधिवक्ताओं में आक्रोश है। हत्यारों की गिरफ्तारी न होने से नाराज अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता परिषद सड़क पर उतर आया। शुक्रवार को संगठन से जुडे़ अधिवक्ताओं ने कलक्ट्रेट पहुंचकर नारागजी जताई। मांगों को पूरा कराने के लिए प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम ई रवींद्र कुमार को सौंपा।
ज्ञापन में कहा कि बिहार के हाजीपुर वैशाली में कार से सिविल कोर्ट जाते समय अधिवक्ता शिवरंजन झा उर्फ पप्पू झा की 15 जनवरी को गोली मारकर बदमाशों ने हत्या कर दी। इस घटना के पांच दिन बाद 20 जनवरी को पटना में दानापुर कोर्ट के जाते समय अधिवक्ता बालेश्वर पाठक को बदमाशों ने गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था। दोनों अधिवक्ताओं के हत्यारे आज तक पकड़े नहीं जा सके हैं। देश में अधिवक्ता सुरक्षित नहीं हैं। उनकी हत्याओं से अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त हो रहा है। इस मौके पर आशुतोष अरूण, विक्रम सिंह, वीना शर्मा, शशिबाला, कल्पना सागर, भावना पंडित, अजय कुमार, रेखा गुप्ता अमित तोमर, उपेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
यह उठाई मांग
संगठन की ओर से दोनों घटनाओं की निष्पक्ष जांच कराने, हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी कराने, मध्य प्रदेश की तर्ज पर देशभर में अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू कराने, मृतक आश्रितों को एक-एक करोड़ का मुआवजा दिलाने, पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने, स्वजन का सुरक्षा प्रदान कराने की मांगों को पूरा करने की मांग की गई।