हाईवे पर हैवानियत: गिरोह के सरगना को नहीं दबोच पा रही पुलिस
बुलंदशहर हाईवे पर मां-बेटी के साथ दरिंदगी मामले में तीन बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद बाकी गुनहगारों को जल्द दबोचने के दावे का पुलिस के पास जवाब नहीं है।
बुलंदशहर (जेएनएन)। हाईवे पर मां-बेटी के साथ दरिंदगी मामले में तीन बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद बाकी गुनहगारों को जल्द दबोचने का दावा करने वाले पुलिस को अब जवाब देते नहीं बन रहा है। गिरोह का सरगना और अन्य बदमाशों का दूर तक अता-पता नहीं है। खुद डीआइजी मान रहीं हैं कि वारदात में सात हैवान शामिल थे। बाकी कब तक पकड़े जाएंगे, इस पर रटा-रटाया जवाब है कि दबिश दी जा रही है।
पढ़ें-बुलंदशहर गैंगरेप को राजनीतिक साशिज बता रहे आजम खां इस बेहद खौफनाक वारदात की लखनऊ तक गूंज पहुंचने और मुख्यमंत्री के गुस्से के बाद सक्रिय हुई पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं। पूछने पर एक ही जवाब मिलता है कि बुलंदशहर से लेकर राजस्थान, हरियाणा तक एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और पुलिस छापे मार रही है। पुलिस का कहना है कि बदमाशों के कई ठिकाने हैं। सटीक नाम और पता न होने से दिक्कत आ रही है। एसएसपी अनीस अहमद अंसारी कह रहे हैं कि गहनता से जांच की जा रही है। दबिश दी जा रही है। हर हालत में आरोपियों को ढूंढ कर पीडि़तों को न्याय दिलाएंगे।
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अभद्रता की जांच करेंगे अफसर
बुलंदशहर महिला अस्पताल में मेडिकल के दौरान मां-बेटी से हुई अभद्रता की जांच जिला मलेरिया अधिकारी डा बीके श्रीवास्तव और एसीएमओ डा रेखा शर्मा करेंगे। राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा तल्ख आपत्ति करते हुए चिकित्सकों को समन जारी करने के बाद सीएमओ डा दीपक ओहरी ने यह जांच सौंप दी है। गुरुवार को आरोपी महिला चिकित्सक के बयान दर्ज किए जा सकते हैं।
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मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन
आरोपियों को सख्त सजा दिलाने की मांग को लेकर आप कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने मानव श्रृंखला बनाई। साथ ही जोरदार प्रदर्शन कर सपा सरकार की बर्खास्तगी की मांग की। आप के पश्चिम जोन प्रभारी सोमेंद्र ढाका ने कहा कि अखिलेश राज में अपराधियों को खुली छूट मिल रही है और आम आदमी असुरक्षित है। जिला प्रभारी रिकेश त्यागी, जिला संयोजक विकास शर्मा ने कैबिनेट मंत्री आजम खां को उनके बयान के लिए निशाने पर रखा। पीडि़तों को 50 लाख मुआवजे की मांग भी की।
हाईवे वारदात में नपेंगे सीओ
बुलंदशहर में मां-बेटी से दरिंदगी के बाद सरकार पर हुए चौतरफा प्रहार के बाद पुलिस को हाईवे की याद आई। डीजीपी ने तत्काल प्रभाव से फरमान जारी कर दिया है कि अब हाईवे सुरक्षा की जिम्मेदारी सीओ की रहेगी। साथ ही जवाबदेही भी तय कर दी गई है, कि कोई घटना हुई तो तत्काल प्रभाव से सीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी जितेंद्र कुमार शाही ने सहारनपुर में बताया कि सभी 75 पुलिस कप्तानों को आदेश कर दिया गया है कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर बड़ी वारदात पर उनको मौके पर पहुंचने को कहा गया है। नेशनल व राज मार्गों की सुरक्षा की जिम्मेदारी राजपत्रित अधिकारियों की रहेगी। हर जिले में एनएच व स्टेट हाईवे पर संबंधित सीओ और अपर पुलिस अधीक्षक नियमित गश्त करेंगे। इनकी निगरानी खुद एसएसपी व डीआईजी को करनी होगी।
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आरोपियों की दोबारा पहचान कराएं
नेशनल हाइवे पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात में पुलिस कार्रवाई सवालों के घेरे में है। डीजीपी ने प्रेस वार्ता में गिरफतार हुए तीन बदमाशों के नाम बताए, लेकिन जेल भेजे बदमाशों में से दो नाम अलग थे। पीडि़त परिवार ने भी शिनाख्त और जेल भेजे गए बदमाशों पर सवाल उठाते हुए दोबारा शिनाख्त की मांग की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहले जिन दो आरोपियों ने अपने नाम नरेश और बबलू बताए थे। वे तस्दीक के बाद शावेज और जबर निकले। वारदात के अगले दिन पहुंचे डीजीपी ने पकड़े आरोपियों के नाम रईस,नरेश और बबलू बताए थे। देर शाम जिले के कप्तान पर कार्रवाई हुई और आरोपियों के नाम जबर, शावेज और रईस हो गए। नामों में बदलाव को लेकर पुलिस कि खूब किरकिरी हुई। अब पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डीजीपी की प्रेस कांफ्रेंस से पहले दोनों आरोपियों ने नाम नरेश व बबलू ही बताए थे। एसएसपी अनीस अहमद अंसारी ने बताया कि तस्दीक की गई तो नरेश और बबलू शावेज पुत्र आस मोहम्मद निवासी दहपा थाना पिलखुवा और जबर ङ्क्षसह पुत्र रामू निवासी नगला निवासी रबूपुरा निकले। पुलिस तीनों आरोपियों का रिमांड लेगी। जांच कराई जा रही है कि चेन व पर्स मौके पर पहले से थे तो पुलिस व फोरेंसिक टीम को पहले दिन क्यों नहीं दिखाई दिए।