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बलिदानियों के पदचिह्नों पर चलकर भारत को अखंड राष्ट्र बनाएं : इंद्रेश

जेएनएन बुलंदशहर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि 1857 की क्रांति से लेकर क्रांतिकारियों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। जिसमें अनेकों वीर बलिदान हुए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 10:16 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 10:16 PM (IST)
बलिदानियों के पदचिह्नों पर चलकर भारत को अखंड राष्ट्र बनाएं : इंद्रेश

जेएनएन, बुलंदशहर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि 1857 की क्रांति से लेकर क्रांतिकारियों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। जिसमें अनेकों वीर बलिदान हुए। जिनके कारण आज हम सभी सुखपूर्वक जीवन जी रहे हैं। सभी का दायित्व बनता है कि उन बलिदानियों के पदचिह्नों पर चलकर भारत को अखंड राष्ट्र बनाएं।

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रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर में अमृत महोत्सव तथा सैनिक मित्र योजना कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वह अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस दौरान इंद्रेश कुमार ने कहा एक राष्ट्र एक संविधान और एक ध्वज की परिकल्पना क्रांतिकारियों ने की थी। भारत विश्व में विश्व गुरु के पद पर आसीन हो। मुख्य वक्ता अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री, विद्या भारती यतेंद्र कुमार ने कहा कि शिक्षा का स्थान मानव जीवन में सर्वोपरि है। जिसके कारण किसी भी समाज व राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। यदि शिक्षा नहीं है तो वह राष्ट्र उन्नति नहीं कर पाता। विद्या भारती के हजारों विद्यालय शिक्षा का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उद्योगपति अनिल त्यागी ने कहा कि समाज के द्वारा विद्यालय में बढ़-चढ़कर सहयोग करना चाहिए। जिससे नई पीढ़ी शिक्षा की ओर अग्रसर हो सके। कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का सीएल बरेजा ने आभार व्यक्त किया। प्रबंधक देवेंद्र कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य गोविद गुप्ता, संघ के वरिष्ठ प्रचारक गंगाराम, मनवीर सिंह, योगेश कौशिक, नरेश सिघल, राजीव बंसल आदि उपस्थित रहे।

शिक्षा को हथियार बनाकर लड़े अज्ञानता के खिलाफ लड़ाई

बुलंदशहर : आल इंडिया मुस्लिम यूथ कन्वेंशन ने सर सैय्यद अहमद खां का 204 वां जन्मदिवस मनाया गया। इसमें वक्ताओं ने सर सैय्यद अहमद खां के जीवन पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व ब्लाक प्रमुख हाजी यूनुस ने किया। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना कर सर सैय्यद ने देश की प्रगति एवं स्वतंत्रता मे उल्लेखनीय योगदान दिया। हाजी नूर मोहम्मद कुरेशी ने कहा कि अगर अपने देश का भविष्य सुरक्षित रखना है तो अपने बच्चों को शिक्षित करना होगा। अज्ञानता, अंधकार और निर्धता के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए शिक्षा को हथियार बनाना होगा। डा. इरशाद अहमद सरर ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम मे जिले के मेधावियों को हाजी अलीम अवार्ड से सम्मानित किया गया। हाजी नूर मोहम्मद कुरैशी को शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान पर हाजी अलीम अवार्ड से नवाजा गया। कार्यक्रम में डा. जहीर अहमद खान, मोहम्मद आसिफ नूर, शोएब खान, चौ. फराहीम, डा. जुबेर उर्ररहमान, मतलबू अली, रफीउद्दीन आदि मौजूद रहे।


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