खटारा हो रही एंबुलेंस, स्वास्थ्य विभाग दे रहा धक्का
स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होती जा रही हैं। एंबुलेंस सेवा का बुरा हाल है। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने वाली कस्बे में लगी एंबुलेंस खटारा हालत में पहुंच चुकी हैं।
बुलंदशहर, जेएनएन: स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होती जा रही हैं। एंबुलेंस सेवा का बुरा हाल है। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने वाली कस्बे में लगी एंबुलेंस खटारा हालत में पहुंच चुकी हैं। ऐसे में मरीजों को दर्द झेलना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग भी इन्हें मजबूरी में धक्का देकर काम चला रहा है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं। जिससे मरीजों को सुविधाएं मिल सकें। ऐसी ही एक योजना एंबुलेंस की भी है। मरीजों को समय से नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंचाने के लिए शासन ने 108 और 102 एंबुलेंस संचालित की है। 108 के जरिए मरीजों के साथ ही सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को भी अस्पताल पहुंचाया जाता है। 102 नंबर एंबुलेंस महिलाओं को डिलवरी के लिए अस्पताल और वहां से उनके घर पहुंचती है। जिसके बाद भी वर्तमान में एंबुलेंस की यह स्थिति है कि कब यह धोखा दे जाएं, कुछ पता नहीं है। तीन लाख किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर चुकी एंबुलेंस को खटारा घोषित किया जाना जरूरी है। निर्धारित किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद भी पहासू कस्बे के अलावा आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग ऐसी एंबुलेंसों को धक्का दे रहा है। मामले में पहासू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. प्रवीण कुमार का कहना है कि एंबुलेंस सेवा लखनऊ से संबंधित है। जिसकी जानकारी वहीं से मिलती है।