ऋग्वेद में सभी वैज्ञानिक ज्ञान मौजूद: ओमव्रत
नगर के निरीक्षण भवन के अग्रवाल आरा मशीन में आयोजित चार दिवसीय ऋग्वेद परायण यज्ञ में यज्ञ ब्रहमा डा.ओमव्रत ने ऋग्वेद को प्रथम वेद बताते हुए कहा कि इसे ज्ञान कांड कहा जाता है। यूरोप ने वेदों की लंबे समय तक अवहेलना की, अंतत: आज यूरोप में विद्वान व वैज्ञानिकों ने वेदों की महत्वता को स्वीकार किया है।
अनूपशहर: नगर के निरीक्षण भवन के अग्रवाल आरा मशीन में आयोजित चार दिवसीय ऋग्वेद परायण यज्ञ में यज्ञ ब्रहमा डा.ओमव्रत ने ऋग्वेद को प्रथम वेद बताते हुए कहा कि इसे ज्ञान कांड कहा जाता है। यूरोप ने वेदों की लंबे समय तक अवहेलना की, अंतत: आज यूरोप में विद्वान व वैज्ञानिकों ने वेदों की महत्वता को स्वीकार किया है। ऋग्वेद में पृथ्वी से लेकर सूर्य पर्यन्त सभी पदार्थों का वैज्ञानिक ज्ञान है। वेद मानव मात्र की अध्यात्मिक एवं भौतिक दोनों की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते है। वृहद यज्ञ के आयोजन में रविंद्र भारद्वाज एवं शशि भारद्वाज का योगदान रहा। कार्यक्रम में सांसद डा.भोला ¨सह, भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डीके शर्मा, स्वामी दिव्यानंद सरस्वती, भजनोपदेशक सुखपाल आर्य, ब्रहमचारी कपिल, शिवम शास्त्री, सत्यवीर गिरी, प्रताप सिंह, सुरेन्द्र भारद्वाज, ब्रजमोहन, पूनम, वीरेन्द्र, आदि मौजूद रहे।