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25 हजार महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, बांटेंगी पोषाहार

प्रदेश सरकार गर्भवती धात्री महिलाओं किशोरी और बच्चों को पोषाहार वितरण में प्रत्येक वर्ष जनपद में ही 90 करोड़ रुपये खर्च करती है। अब इस खर्च पर लगाम लगेगी पोषाहार के अब टेंडर नहीं होंगे बल्कि जिले के ही स्वंय सहायता समूह वितरण होने वाले पोषाहार खुद बनाएंगी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Nov 2020 05:59 AM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 05:59 AM (IST)
25 हजार महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, बांटेंगी पोषाहार
25 हजार महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, बांटेंगी पोषाहार

जेएनएन, बुलंदशहर। प्रदेश सरकार गर्भवती, धात्री महिलाओं, किशोरी और बच्चों को पोषाहार वितरण में प्रत्येक वर्ष जनपद में ही 90 करोड़ रुपये खर्च करती है। अब इस खर्च पर लगाम लगेगी, पोषाहार के अब टेंडर नहीं होंगे बल्कि जिले के ही स्वंय सहायता समूह वितरण होने वाले पोषाहार खुद बनाएंगी। कच्चा माल तैयार कर पात्रों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरित किया जाएगा। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत ढाई हजार महिला स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं।

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बच्चों के फूड पैकेट को वीनिग फूड तथा गर्भवती महिलाओं को वितरित किए जाने वाले एमाइलेज रिच एनर्जी फूड में कई खाद्य पदार्थों का मिश्रण कर पोषाहार तैयार किया जाएगा। जिले में ढाई हजार महिला समूह 1116 राशन दुकानों से गेहूं व चावल लेकर उसे साफ करेंगी। दाल बाजार से लेनी होगी। सूखा दूधी और घी के लिए पराग डेयरी से अनुबंध किया गया है। गर्भवती, धात्री महिलाओं, किशोरी और बच्चों को उक्त मैटिरियल का पोषाहार तैयार करके महिला समूहों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर देना होगा।

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ऐसे बनेंगी आत्मनिर्भर

महिला स्वयं सहायता समूहों को पोषाहार के लिए थैला स्वयं बनाना होगा। महिलाओं को पोषाहार वितरित करने के लिए आठ रुपये प्रति बच्चा और 12 रुपये अतिकुपोषित बच्चा, धात्री और गर्भवती महिलाओं को वितरित करने के मिलेंगे। जिले में करीब 26 हजार महिलाओं को काम मिलेगा।

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90 करोड़ प्रति माह खर्च पर लगाम

जिले में तीन हजार 967 आंगनबाड़ी केंद्र हैं और ढाई हजार महिला समूह हैं। धात्री और गर्भवती महिलाओं की संख्या 79 हजार 349 तथा किशोरी पांच हजार 480 के साथ-साथ 0-5 वर्षीय बच्चों की संख्या तीन लाख 47 हजार 431 संख्या है। इन्हें प्रत्येक माह पोषाहार वितरण करने के लिए सरकार को करीब 90 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते थे। माना जा रहा है अब इसमें करीब 40 करोड़ रुपये प्रति माह की कटौती होगी।

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इन्होंने कहा..

ढाई हजार महिला समूहों को चयनित कर लिए गए हैं। राशन दुकान और महिला समूहों की मैपिग हो चुकी है। 25 नवंबर से जिले में महिला समूहों द्वारा ही आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरित होगा।

-साहित्य प्रकाश मिश्रा, जिला विकास अधिकारी।


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