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क्या इस बार पॉटरी उद्योग के अच्छे दिन आएंगे?

खुर्जा, (बुलंदशहर) : देश ही नहीं विदेश में भी खुर्जा को पॉटरी नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां की

By Edited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 10:39 PM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 10:39 PM (IST)
क्या इस बार पॉटरी उद्योग के अच्छे दिन आएंगे?

खुर्जा, (बुलंदशहर) : देश ही नहीं विदेश में भी खुर्जा को पॉटरी नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां की पॉटरी पर कई लघु नाटक और टेली फिल्म बन चुकी है। इसके अलावा कई विदेश यात्री भी यहां पर घुमने के लिए आते रहते हैं। लेकिन फिर भी बजट में खुर्जा के इस उद्योग की अनदेखी की जाती है। पिछले काफी समय से खुर्जा के इस उद्योग को सरकारी बजट से निराशा ही हाथ लगी है। लेकिन इस बार पॉटरी संचालकों को काफी आस लगी हुई है। उनका ध्यान बजट पर केंद्रित है। उनका मानना है कि शायद मोदी सरकार पॉटरी उद्योग के अच्छे दिन लाने वाली है या फिर नहीं। जागरण टीम ने पॉटरी संचालकों से बातचीत की। पेश हैं वार्ता के कुछ अंश।

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देश में एक समान लगे टैक्स

टैक्सों की वजह से खुर्जा पॉटरी की खरीददारी विदेशी निवेशक नहीं कर पाते हैं। अन्य प्रदेशों में पॉटरी पर दो और चार प्रतिशत टैक्स लगता है। जबकि यहां पर 14 प्रतिशत टैक्स लगता है। इसलिए आज खुर्जा का पॉटरी उद्योग पिछड़ता जा रहा है। बजट में पूरे देश में एक समान टैक्स लगाए जाए, ताकि व्यापारी में भेदभाव की भावना पैदा न हो।

विक्की साहनी, व्यापारी।

विदेशी निवेशकों को मिले बढ़ावा:

पॉटरी संचालकों को इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ानी चाहिए। इससे उद्योग को एक नये आयाम तक ले जाया जा सकेगा। वहीं विदेशी निवेशकों को छूट के साथ यहां के उद्योग के विषय में विस्तृत जानकारी दी जाए। इससे वह यहां की क्राकरी को आसानी से खरीद सकें। विदेशी निवेशकों के बढ़ावे के साथ ही पॉटरी उत्पादों में तकनीकी बढ़ने लगेगी।

पॉटरी संचालक दर्शन छतवाल।

गैस पर लगने वाला टैक्स कम हो :

पॉटरी संचालकों के लिए अडानी ग्रुफ द्वारा गैस की सौगात दी जा रही है। लेकिन प्रदेश में 14 प्रतिशत टैक्स के चलते कोई भी उद्यमी कनेक्शन शुरु नहीं करना चाहता है। टैक्स को घटाकर अन्य प्रदेश की तरह चार प्रतिशत किया जाए। इससे पॉटरी उत्पात सस्ते हो सकते हैं।

संजीव बंसल व्यापारी।

केंद्र से पॉटरी उद्योग को फायदा की उम्मीद :

केंद्र सरकार से पॉटरी उद्योग को कई उम्मीद हैं। केंद्र सरकार राज्य से समन्वय कर टैक्स पर छूट अन्य राज्यों की भांति करे। गैस के दामों में भी कमी की जाए। जिससे दम तोड़ते उद्योग और उद्यमियों को राहत मिल सके।

फहीमुद्दीन उर्फ फम्मन, व्यपारी।


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