अब फसलों व मिट्टी की सेहत सुधारेंगे योगी
अब योगियों ने मानव की सेहत को और बेहतर बनाने के लिए फसलों व मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने का बीड़ा भी उठाया। इसके लिए पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रयास से किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण देकर फसलों व मिट्टी की सेहत सुधारने के टिप्स दिए जा रहे हैं ताकि बेहतर स्वास्थ्य के साथ उन्नत किस्म की फसल भी तैयार की जा सके।
बिजनौर, जेएनएन। अब योगियों ने मानव की सेहत को और बेहतर बनाने के लिए फसलों व मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने का बीड़ा भी उठाया। इसके लिए पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रयास से किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण देकर फसलों व मिट्टी की सेहत सुधारने के टिप्स दिए जा रहे हैं, ताकि बेहतर स्वास्थ्य के साथ उन्नत किस्म की फसल भी तैयार की जा सके।
खेती में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग ने फसलों व मिट्टी की गुणवत्ता को काफी नुकसान पहुंचाया है। साथ ही इसका सीधा असर मानव जीवन पर पड़ रहा है। खानपान में अनाज से लेकर सब्जियों व तेलों समेत सभी खाद्य पदार्थों ने आम आदमी की सेहत को प्रभावित किया है। इसके लिए पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट किसान योग साधकों को जैविक खेती के लिए प्रेरित कर रहा है। इस कार्य में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना व नेशनल स्किल डवलपमेंट कारपोरेशन के द्वारा संयुक्त रूप से किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। मुख्य प्रशिक्षक ऋषिराम सिंह, पतंजलि हरिद्वार व वीके सिंह कृषि विज्ञापन केंद्र उन्नाव से प्रशिक्षण ले चुके हैं। जैविक खेती के लाभ
प्रशिक्षक ऋषिराम सिंह ने बताया कि जैविक खेती के बल पर किसान 360 कुंतल प्रति एकड़ गन्ने का उत्पादन कर रहे हैं तो 24 कुंतल प्रति एकड़ धान व 20 कुंतल प्रति एकड़ गेहूं का उत्पादन कर सकते हैं। इसके अलावा रासायनिक खेती से छुटकारा, स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। साथ ही गो-मूत्र व गोबर से जीवर अमृत, बीजा अमृत, पंच गव्य और ब्रह्मास्त्र तैयार किया जा रहा है। ये हैं भावी योजनाएं
- किसानों का ग्रुप बनाकर जैविक खेती करवाना
- वर्मी कंपोस्ट किसानों से तैयार कराना
- कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव
- बिना खाद वाले गन्ने का गुड़ बनाकर बाजार भेजना
- खेतों की मिट्टी की जांच करवाना इन्होंने लिया प्रशिक्षण
राजा का ताजपुर क्षेत्र के गांव जमालपुर व आसपास से मास्टर कमल चौहान, बलराज सिंह, श्रीराम, अर्चना सिंह, सुमन देवी, सीमा देवी, नौबाहर सिंह, मेघराज सिंह, विपिन, सुंदर, लाला समेत 30 से अधिक किसान फरवरी माह में जैविक खेती का प्रशिक्षण ले चुके हैं। लगभग 40 की जारी है।