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पीलीबांध जलस्तर की लखनऊ भेजी जा रही गलत रिपोर्ट

रेहड़ (बिजनौर): ¨सचाई विभाग अधिकारियों की कथित लापरवाही के चलते पीलीबांध जलाशय का वर्तमा

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 10:04 PM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 10:04 PM (IST)
पीलीबांध जलस्तर की लखनऊ भेजी जा रही गलत रिपोर्ट

रेहड़ (बिजनौर): ¨सचाई विभाग अधिकारियों की कथित लापरवाही के चलते पीलीबांध जलाशय का वर्तमान जलस्तर 840.5 हजार क्यूसेक पानी है, जबकि जेई ने बाढ़ कंट्रोल रूम को जलाशय में 840 हजार क्यूसेक पानी होने की रिपोर्ट भेजी है। इतना ही नहीं बंधे की साइडों में जमा पानी को निकालने के लिए लगाए 175 ऑटोमैटिक नलों में से मात्र 15 नल ही सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं। जिसके चलते जहां कभी भी बंधे को खतरा पैदा हो सकता है, वहीं बंधे की बाहरी साइड भी जर्जर व क्षतिग्रस्त अवस्था में है।

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पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते वर्तमान में पीलीबांध जलाशय में 840.5 हजार क्यूसेक पानी है। विभागीय सूत्रों की माने तो जलाशय पर तैनात जेई लोकेन्द्र कुमार ने बाढ़ कंट्रोल रूम लखनऊ को मात्र 840 हजार क्यूसेक पानी की रिपोर्ट ही भेज रखी है। जेई की माने तो पीलीबांध में सब कुछ ठीक-ठाक है। बंधे की पानी निकासी के लिए विभाग ने 175 ऑटोमैटिक नल लगा रखे हैं, जिनमें 15 नलों को छोड़कर सभी नल बंद पड़े हैं। जिसके चलते बांधे को हर समय खतरा बना हुआ है। खास बात यह है कि पीलीबांध जलाशय की मरम्मत कार्य के लिए विभाग से मिला लाखों रुपये खर्च हो चुका है, लेकिन वस्तुस्थिति कुछ ओर ही बयां कर रही है। बंधे के किनारे जहां बड़ी-बड़ी नुकीली झाड़ियां खड़ी हैं, बंधे की साइड में बनी सड़क पूरी तरह जर्जर स्थिति में है। जलाशय का जलस्तर बढ़ने पर इसके टूटने से भी इंकार नहीं किया जा सकता। उधर जेई लोकेन्द्र कुमार ने पीलीबांध का जलस्तर 840 हजार होने का दावा किया है। उन्होंने ऑटोमैटिक नलों व क्षतिग्रस्त बंधे की मरम्मत 15 अक्टूबर 2018 के बाद कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जून माह में बंधे के किनारे खड़ी कुछ झाड़ियां कटवा दी थी, लेकिन अभी कुछ शेष बची हुई हैं।


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