अब गैस एजेंसियों पर उमड़ी महिलाओं की भीड़
कों और राशन की दुकानों पर भीड़ अभी संभली भी नहीं थी कि उज्ज्वला योजना के कुकिग गैस सिलेंडर पाने के लिए महिलाएं घरों से निकल पड़ीं। कुकिग गैस सिलेंडर लेने पहुंची महिलाएं भ्रम और अफवाहों का शिकार थीं।
बिजनौर, जेएनएन। बैंकों और राशन की दुकानों पर भीड़ अभी संभली भी नहीं थी कि उज्ज्वला योजना के घरेलू गैस सिलेंडर पाने के लिए महिलाएं घरों से निकल पड़ीं। यह महिलाएं भ्रम और अफवाहों का शिकार थीं। गैस एजेंसी पर पुलिस ने इन महिलाओं आपस में शारीरिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी। हालात काबू में करने के लिए लाठियां भी फटकारी।
नजीबाबाद गैस सर्विस पर उज्ज्वला योजना के साढ़े तीन हजार से अधिक और भारत गैस एजेंसी पर सात हजार से अधिक उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन हैं। दोनों ही प्रतिष्ठानों पर गुरुवार सुबह एकाएक महिलाओं की काफी भीड़ उमड़ पड़ी। कविता, खैरुन्निसा, फरजाना, बृजेशी, गुड्डी का कहना था कि उन्हें पता चला था कि उज्ज्वला गैस सिलेंडर की राशि उनके बैंक खाते में पहुंच गई है। वे अपना सिलेंडर गैस गोदाम से प्राप्त कर सकती हैं, लेकिन गैस बुकिग नहीं हो पाने के कारण उन्हें गांव से शहर आना पड़ा। वहीं, नजीबाबाद गैस सर्विस के संचालक रोहित राज और मैनेजर खेमचंद ने बताया कि उपभोक्ताओं को बुकिग के लिए अथवा गैस सिलेंडर के लिए घरों से निकलने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने महिलाओं की भ्रांतियां दूर कर उनके मोबाइल नंबर कनेक्शन के साथ लिक कर वापस भेजा। वहीं, भारत गैस एजेंसी संचालक गुरुपाल सिंह ने बताया कि सिलेंडरों को सैनिटाइज करके होम डिलीवरी कराई जा रही है।