कम नहीं हुआ जलस्तर, बाढ़ का अंदेशा
बिजनौर जेएनएन। गंगा और उसकी सहयोगी नदियों का जलस्तर में कमी नहीं आई है। खादर क्षेत्र के
बिजनौर, जेएनएन। गंगा और उसकी सहयोगी नदियों का जलस्तर में कमी नहीं आई है। खादर क्षेत्र के खेतों में कई-कई फुट पानी खड़ा होने की वजह से पशु पालकों के सामने चारे को संकट खड़ा हो गया है। पशुपालक अपने पशुओं को महंगा भूसा खिलाने को मजबूर हैं। उधर, खादर क्षेत्र के कई गांव में बाढ़ आने का अंदेशा बना हुआ है।
पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में दो दिन से रही बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर यथावत है।
मंगलवार को भीमगोडा (उत्तराखंड) बैराज से करीब 77 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जबकि बिजनौर में बैराज का जलस्तर मेंटेन करने के बाद 69,600 हजार क्यूसेक पानी बैराज की डाउन स्ट्रीम में डिस्चार्ज किया गया। इस वजह से सदर तहसील क्षेत्र के खादर में जलस्तर बढ़ने से गंगा की तेजधार ने ग्राम कुंदनपुर, इंछावाला, लाडपुर, लतीफपुर, रामजीवाला, डैबलगढ़, सौफतपुर एवं गौसपुर में बाढ़ का अंदेशा बना हुआ है। वहीं गंगा की तेज धार इन गांवों में कटान कर रही है।
रावली और शहजादपुर बीच बने रपटे पर पानी की स्थिति जस की तस बनी हुई है। इन सभी गांवों में पर्याप्त मात्रा में नाव उपलब्ध है। वहीं ग्राम ब्रह्मपुरी के लोग बाढ़ के खतरे को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर चल गए हैं। रावली ग्राम प्रधान पति सुनील कुमार का कहना है कि गांव में बाढ़ से निबटने की पूरी व्यवस्था है। -सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद
नांगलसोती: खादर क्षेत्र में मंगलवार को भी गंगा का जलस्तर कम नहीं हुआ। गंगा में आए उफान को देखते हुए दूसरी ओर के खेतों में जाने से बच रहे हैं। किसान वकील अहमद, शिवकुमार, राधे, गंगाराम, उस्मान, इस्माइल आदि का कहना है कि खेतों में पानी भरा होने की वजह से चारे का संकट खड़ा हो गया। उनका कहना था कि मजबूरी में उन्हें 500 रुपये प्रति कुंतल की दर से भूसा खरीदकर पशुओं को खिलाना पड़ रहा है।
-अभी बाढ़ के आसार नहीं
डीएम रमाकांत पांडेय ने प्रशासनिक अमले के साथ खादर क्षेत्र के ग्राम रावली, ब्रह्मपुरी समेत कई अन्य गांवों का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह बाढ़ से बचाव के सभी इंतजाम पूरे कर लें। डीएम का कहना है कि अभी बाढ़ के कोई आसार नहीं हैं। प्रशासन ने बाढ़ से बचाव के इंतजाम कर रखे हैं।