लाश को एसपी दफ्तर में रखकर हंगामा
बेटे के ससुरालियों की मारपीट में घायल व्यक्ति की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस कार्रवाई न होने से परिजनों व ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा।
बिजनौर, जेएनएन। बेटे के ससुरालियों की मारपीट में घायल व्यक्ति की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस कार्रवाई न होने से परिजनों व ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। सैकड़ों लोगों ने सोमवार दोपहर शव पुलिस कार्यालय पर एसपी आफिस के सामने रखकर धरना दिया।
शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव सदपुरा निवासी जयप्रकाश के बेटे सुमित का विवाह नहटौर थाना क्षेत्र के गांव इलाबास निवासी ममता से हुआ था। गत माह 18 अक्टूबर को दंपती में विवाद हो गया। ममता ने मायके वालों को सूचना दे दी। सुमित का कहना है कि जानकारी पर काफी संख्या में उसके ससुराली सदपुरा पहुंच गए। उन्होंने उसे व उसके पिता को पीटना शुरू कर दिया।
आरोप है कि जयप्रकाश को धक्का दे दिया। उसका सिर दीवार में लग गया। दो नवंबर को जिला अस्पताल से दिल्ली रेफर कर दिया गया। रविवार शाम जयप्रकाश की मौत हो गई। सोमवार दोपहर को परिजन शव को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने की बजाय लाठी फटकार खदेड़ दिया। इस पर परिजनों का गुस्सा भड़क गया। सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष एसपी दफ्तर पर पहुंच गए। शव को लेकर अंदर घुस गए। लाश को कप्तान के दफ्तर के ठीक सामने रख दिया।
भीड़ धरने पर बैठ गई। उनका आरोप है कि पुलिस ने अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की। मौत होने के बाद भी पुलिस शव को पोस्टमार्टम नहीं कराया। एसपी देहात विश्वजीत श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे और उन्होंने समझाने का प्रयास किया। इस दौरान महिलाओं की पुलिस से तीखी झड़प हुई। एसपी देहात ने रिपोर्ट दर्ज कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। इस दौरान एक घंटे तक एसपी दफ्तर पर अफरा-तफरी का माहौल फैलता रहा।
लाठी फटकारने से भड़का गुस्सा
एसपी दफ्तर पर पुलिस की लापरवाही से हंगामा हुआ। परिजनों का आरोप है कि जिस वक्त जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती था। उस वक्त पुलिस ने उन्हें ही थाने में बैठा रखा था। वहीं सोमवार को भी परिजन शव को लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। तभी कार्यवाहक प्रभारी नरेंद्र गौड़ वहां पहुंचे और परिजनों ने समझाने के बजाय लाठी फटकार वहां से खदेड़ दिया। मारपीट में मौत होने से इंकार कर दिया। इस पर परिजनों व ग्रामीणों में गुस्सा भर गया।