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पांच महीने से ड्यूटी से गायब यूपी पुलिस का सिपाही तिहाड़ में काट रहा उम्रकैद की सजा

बिजनौर के बढ़ापुर थाने से गैरहाजिर सिपाही कुंवर पाल सिंह पुलिस की जांच में तिहाड़ जेल में बंद मिला।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 10:25 AM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 04:56 PM (IST)
पांच महीने से ड्यूटी से गायब यूपी पुलिस का सिपाही तिहाड़ में काट रहा उम्रकैद की सजा
पांच महीने से ड्यूटी से गायब यूपी पुलिस का सिपाही तिहाड़ में काट रहा उम्रकैद की सजा

बिजनौर, जेएनएन। बढ़ापुर थाने से गैरहाजिर सिपाही कुंवर पाल सिंह पुलिस की जांच में तिहाड़ जेल में बंद मिला। वह मेरठ के हाशिमपुरा कांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। पुलिस अधिकारियों को बिना बताए वह छुट्टी के दौरान ही दिल्ली की कोर्ट में हाजिर हो गया। सीओ की जांच के बाद शासन के निर्देश पर एसपी ने सिपाही को बर्खास्त कर दिया है।

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शामली जिले के किरौड़ी गांव निवासी सिपाही कुंवर पाल सिंह पुत्र फेरू सिंह बिजनौर के बढ़ापुर थाने में तैनात था। 15 नवंबर 2018 को एक माह की छुट्टी लेकर अपने गांव गया था। 14 दिसंबर, 2018 को उसे वापस ड्यूटी पर आना था, लेकिन वह नहीं लौटा। थाने से संपर्क किया गया, लेकिन उसका पता नहीं चला। एक अप्रैल 2019 को लापरवाही मानते हुए पुलिस अधीक्षक ने सिपाही को निलंबित कर दिया। एसपी ने पूरे प्रकरण की जांच नगीना सीओ को सौंपी।

सीओ की जांच में पता चला है कि 1987 के मेरठ के हाशिमपुरा कांड में वह आरोपित था। कोर्ट से उसे भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब वह पीएसी में था, बाद में उसकी तैनाती थाने में हो गई थी। उच्च न्यायालय नई दिल्ली के आदेश के अनुपालन में 27 नवंबर 18 को उसने अपर सत्र न्यायाधीश- 4 पश्चिमी जिला तीस हजारी नई दिल्ली के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, तभी से वह तिहाड़ जेल में सजा काट रहा है।

यह था हाशिमपुरा कांड

मेरठ में अप्रैल 1987 में दंगा फैल गया था, जिसमें हाशिमपुरा में एक ही समुदाय के 42 लोगों की हत्या कर दी गई। मामले में पीएसी के 19 जवान आरोपित किए गए। 31 साल बाद 31 अक्टूबर, 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 पीएसी जवानों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

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