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एसडीएम ने दो तहसील कर्मियों को भेजा थाने, धरना-हंगामा

चार माह बाद मेडिकल लीव से वापस लौटे रजिस्ट्रार कानूनगो ने उपस्थिति रजिस्टर में हाजिरी लगा दी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 10:45 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 10:45 PM (IST)
एसडीएम ने दो तहसील कर्मियों को भेजा थाने, धरना-हंगामा
एसडीएम ने दो तहसील कर्मियों को भेजा थाने, धरना-हंगामा

चांदपुर (बिजनौर): चार माह बाद मेडिकल लीव से वापस लौटे रजिस्ट्रार कानूनगो ने उपस्थिति रजिस्टर में बिना सूचना उपस्थिति दर्ज करा दी। इसकी भनक लगने पर एसडीएम ने रजिस्ट्रार कानूनगो (आरके) व बाबू को नियमों का उल्लंघन करने पर हड़काया और पुलिस हिरासत में भिजवा दिया। दोनों को करीब ढाई घंटे बाद छोड़ा गया। वहीं, मामले की जानकारी पर तहसील स्टाफ भड़क गया और तहसील परिसर में हंगामा कर दिया।

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हुआ यूं कि तहसील में तैनात रजिस्ट्रार कानूनगो जलील अहमद करीब चार माह से मेडिकल लीव पर थे। जल्द ही वह रिटायर होने वाले हैं। बुधवार को वह तहसील पहुंचे और मालबाबू के दफ्तर में पहुंचकर वहां रखे उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर दिए। इसकी भनक एसडीएम व अन्य अधिकारियों को लगी। इस पर एसडीएम-आइएएस आलोक यादव ने जलील अहमद और माल बाबू इकबाल को बुलाकर पूछताछ की और नियमों के उल्लंघन पर हड़काया। बाद में दोनों को पुलिस हिरासत में दे दिया। दोनों करीब ढाई घंटे तक कोतवाली में रहे। जिसके बाद उन्हें छोड़ा गया।

तहसीलदार ने एसडीएम के पास भेजा

नियमानुसार मेडिकल लीव से वापस आने के बाद अधिकारियों से ड्यूटी ज्वाइन के लिए अनुमति जरूरी है। बताया जाता है कि मेडिकल छुट्टी से लौटने के बाद आरके ने तहसीलदार से मंजूरी लेनी चाहिए, लेकिन उन्होंने एसडीएम के पास भेज दिया। इस बीच आरके ने हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर दिए।

कर्मचारी भड़के, तहसील में धरना

दो कर्मचारियों के हिरासत में लिए जाने की सूचना से तहसील कर्मी भड़क गए। उन्होंने दफ्तर बंद कर हंगामा किया और एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की। उत्तर प्रदेशीय मिनिस्ट्रीरियल कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ के बैनर तले धरना शुरू कर दिया। इस बीच बिजनौर कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ के पदाधिकारी भी तहसील पहुंच गए। उन्होंने एसडीएम पर दोनों कर्मचारियों का अपमान करने का आरोप लगाया। कहा कि रजिस्टर पर हस्ताक्षर करना कोई अपराध नहीं है। बिना वजह दोनों को पुलिस हिरासत में भेजा गया, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खबर लिखे जाने तक तहसील में धरना और अधिकारियों से वार्ता जारी थी। धरने में जिलाध्यक्ष सतीश चौधरी, सुधीर भटनागर, अब्दुल हमीद, बाबू राम रसानी, मुकेश कुमार, सुधांशु कुमार, संजीव कुमार आदि स्टाफ उपस्थित रहा। इन्होंने कहा..

एसडीएम ने हठधर्मिता दिखाते हुए दोनों कर्मचारियों को पुलिस हिरासत में भिजवाया, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुरुवार को सुबह 10 बजे कलक्ट्रेट में बैठक बुलाई है। अफसरों से जानकारी ली जाएगी कि दोनों कर्मचारियों को किस जुर्म के तहत पुलिस हिरासत में भिजवाया गया था। इसके बाद आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।

सतीश कुमार, अध्यक्ष कलक्ट्रेट मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी संघ बिजनौर रजिस्ट्रार कानूनगो को उनकी गलती पर पुलिस हिरासत में भेजा गया था। उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। दोनों के माफी मांगने पर छोड़ दिया गया है। यह इतना बड़ा मामला नहीं है।

आलोक यादव, आइएएस- एसडीएम फिर विवादों में घिरे एसडीएम चांदपुर

चांदपुर: दो कर्मचारियों को पुलिस हिरासत में देने से एक बार फिर एसडीएम आलोक यादव कर्मचारियों के निशाने पर हैं। इससे पहले भी वह स्टेनो को अपशब्द कहने के प्रकरण में घिर चुके हैं। उनके ही स्टेनो किशनलाल ने डीजीपी व आयोग को शिकायत भेजकर एसडीएम पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया था। डीजीपी आफिस ने इसकी पूरी रिपोर्ट मांगी थी, जिसकी जांच जारी है। हालांकि बाद में स्टेनो का ट्रांसफर नगीना तहसील में हो गया।


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