मरीजों के सेवाभाव में कोरोना को टक्कर दे रहे तीमारदार
कोरोना महामारी के बीच आक्सीजन की किल्लत दूर नहीं हो पा रही है। स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि मांग के सापेक्ष आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे स्थिति विकट हो रही है। उधर अस्पतालों में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है लेकिन उनकी तीमारदार हरसंभव प्रयास कर कोरोना को मात दिलाने में लगे हैं।
जेएनएन, बिजनौर। कोरोना महामारी के बीच आक्सीजन की किल्लत दूर नहीं हो पा रही है। स्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि मांग के सापेक्ष आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इससे स्थिति विकट हो रही है। उधर, अस्पतालों में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, लेकिन उनकी तीमारदार हरसंभव प्रयास कर कोरोना को मात दिलाने में लगे हैं।
शासन और प्रशासन के दावे लगातार हवाई साबित हो रहे हैं। लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन उन्हें समय पर इलाज और आक्सीजन मिल जाए, यह कहना मुश्किल है। प्राइवेट अस्पतालों में मारामारी है तो सरकारी अस्पताल की स्थिति बेहाल है। मरीजों को हरसंभव इलाज दिलाने के लिए तीमारदार जी जान लगा रहे हैं। कहा जाए तो कोरोना से घबराए बिना वह अपने स्वजन को हर हाल में जिदगी दिलाने में लगे हैं। हर दिन चांदपुर समेत पूरे क्षेत्र में बुखार और कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। एकाएक मरीजों का आक्सीजन स्तर भी कम हो जा रहा है। आक्सीजन सिलेंडर की जरुरत पर तीमारदारों को निराशा हाथ लग रही है। वह जिले के अलावा दूर-दराज से दोगुनी कीमत सिलेंडर लाने को मजबूर हो रहे हैं। कुछ अस्पतालों में तीमारदार मरीजों के साथ बिना घबराए उनकी सेवा में लगे हैं। वहीं, निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद हो चुकी है तो ऐसे में मरीजों के स्वजन चिकित्सकों से फोन पर सलाह लेकर इलाज देने में लगे हैं। कहा जाए तो इस स्थिति में कोरोना के आगे तीमारदारी जीतती नजर आ रही है। कई जगह मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं तो कई जगह अच्छी खबर नहीं मिल पा रही है।