स्मार्ट क्लास में राजकीय विद्यालयों के छात्र बनेंगे स्मार्ट
बदलते इस दौर में पढ़ाई का तौर तरीका भी बदल रहा है। सीबीएसई और आइसीएसई की तर्ज पर अब जनपद के सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालय भी कदमताल करेंगे। वजह राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अलंकार प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट क्लास बनाई जाएंगी जिसमें प्रोजेक्टर स्पीकर डिजिटल बोर्ड कुर्सी आदि बनाई जाएंगी।
जेएनएन, बिजनौर। बदलते इस दौर में पढ़ाई का तौर तरीका भी बदल रहा है। सीबीएसई और आइसीएसई की तर्ज पर अब जनपद के सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालय भी कदमताल करेंगे। वजह, राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अलंकार प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट क्लास बनाई जाएंगी, जिसमें प्रोजेक्टर, स्पीकर, डिजिटल बोर्ड, कुर्सी आदि बनाई जाएंगी। साथ ही राजकीय माध्यमिक विद्यालयों का सौंदर्यकरण किया जाएगा।
जनपद में 32 राजकीय माध्यमिक विद्यालय संचालित है। इसमें 18 राजकीय माध्यमिक इंटर कालेज है और 14 राजकीय माध्यमिक हाईस्कूल संचालित है। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पठन-पाठन में बदलाव होगा। निजी कालेजों की तर्ज पर इन राजकीय विद्यालयों में छात्रों को तकनीकी के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी और पढ़ाई सुगम बनाई जाने की योजना है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, सौंदर्यकरण और अतिरिक्त भवन बनाने का कार्य अलंकार प्रोजेक्ट के तहत होगा। इसके लिए शासन स्तर से एक जिला और नौ उप समिति बनाई गई है। यह उप समितियां विद्यालयों में पहुंचकर कई बिदुओं पर स्थलीय जानकारी जुटाएंगी। जैसे विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाने का स्थान, छात्रों की संख्या के सापेक्ष नया कक्ष निर्माण, विद्यालयों का विद्युतीकरण, विद्यालय का फर्स, शौचालय, पेयजल की व्यवस्था आदि बिदुओं पर जांच करेंगी। उप समिति अपनी जांच अख्या डीएम की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति को सौंपेगी। जिला स्तरीय समिति उक्त आख्या की जांच कर बजट के लिए उसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दी जाएगी।
बोले अधिकारी
अलंकर प्रोजेक्ट के तहत राजकीय इंटर व हाईस्कूल विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाई जाएंगी। जरूरत वाले विद्यालयों अतिरिक्त कक्षाओं भी निर्माण किया जाएगा। साथ ही विद्यालय का सौंदर्यकरण किया जाना है। इस कवायद से राजकीय विद्यालय हाईटेक होंगे। छात्र स्मार्ट क्लास में बैठकर ज्ञान लेंगे। समितियों कार्य करना शुरू कर दिया। शासन से बजट स्वीकृत होते विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाने आदि कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
-राजेश कुमार, डीआइओएस