सूरा सो पहचानीये जो लरै दीन के हेत..
नजीबाबाद (बिजनौर): बड़िया में आयोजित महान गुरमति समागम में दशमपिता श्री गुरु गो¨बद ¨सह साहिब
नजीबाबाद (बिजनौर): बड़िया में आयोजित महान गुरमति समागम में दशमपिता श्री गुरु गो¨बद ¨सह साहिब के साहिबजादों का अवतार पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। कविशरी जत्थों और कथावाचकों ने गुरु इतिहास सुनाकर संगत को निहाल किया।
क्षेत्र के गांव बड़िया स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु ¨सह सभा में मंगलवार सुबह श्री अखंड पाठ साहिब का समापन हुआ। गुरुद्वारा साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी मंजीत ¨सह की देखरेख में सजे विशेष दीवान में श्री अमृतसर साहिब (पंजाब) से कथावाचक ज्ञानी जस¨वदर ¨सह दर्दी ने कहा कि गुरु गो¨बद ¨सह साहिब के साहिबजादों बाबा अजीत ¨सह, बाबा जुझार ¨सह, बाबा जोरावर ¨सह एवं बाबा फतेह ¨सह ने देश व धर्म की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान दिया। चारों साहिबजादों की शहादत का ही फल है कि आज देश-विदेश में सिखी के केसरी निशान झूल रहे हैं और देश-दुनिया के लोग सिखों के संरक्षण में स्वयं को सुरक्षित और पल्लवित महसूस करते हैं।
गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान गुरदेव ¨सह, सचिव डा.नरेंद्रपाल ¨सह एवं गुरुद्वारा कमेटी व सिख संगत के सहयोग से आयोजित गुरमति समागम में कविशर ज्ञानी गुरजंट ¨सह बैंका ने सूरा सो पहचानीये जो लरै दीन के हेत, पुरजा-पुरजा कट मरै कबहूं न छाडे खेत.. सरीखा काव्यपाठ कर गुरु गो¨बद ¨सह साहिब के साहिबजादों को नमन किया। उन्होंने कहा कि जिस कौम के बच्चे शिक्षित, जागरुक और अपने इतिहास की जानकारी रखने के साथ साथ देश और धर्म के रक्षक होंगे, उस कौम को दुनिया हमेशा याद रखती है। गुरुद्वारे के हुजूरी रागी ज्ञानी जसपाल ¨सह ने शबद-कीर्तन से संगत को निहाल किया।
अनंद साहिब के पाठ, अरदास एवं हुकुमनामे के साथ कार्यक्रम के समापन पर लंगर वरताया गया। कार्यक्रम हरप्रीत ¨सह संधू, अर¨पदर ¨सह लाडा, डा.नरेंद्रपाल ¨सह, दलवीर ¨सह, परमजीत ¨सह, सरदूल ¨सह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।