रंग लाई रवि की मुहिम, प्लास्टिक के तिरंगे पर प्रतिबंध
बिजनौरजेएनएन। यदि देश के लिए कोई कुछ गलत बोलता है तो खून खौल उठता है। फिर बात जब तिरंगे के सम्मान की आती है तो फिर कोई भी ताकत अभिव्यक्ति की आजादी रोक नहीं सकती। यह मुद्दा रवि कपूर ने राष्ट्रपति प्रधानमंत्री गृहमंत्री समेत सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को लिखे खतों में उठाया तो उन्हें सफलता भी मिली। इसका असर यह हुआ कि राष्ट्रपति के आदेश पर गृहमंत्रालय ने प्लास्टिक के तिरंगों के इस्तेमाल पर पूर्णतया रोक लगा दी।
रंग लाई रवि की मुहिम, प्लास्टिक के तिरंगे पर प्रतिबंध
बिजनौर,जेएनएन।
यदि देश के लिए कोई कुछ गलत बोलता है, तो खून खौल उठता है। फिर बात जब तिरंगे के सम्मान की आती है तो फिर कोई भी ताकत अभिव्यक्ति की आजादी रोक नहीं सकती। यह मुद्दा रवि कपूर ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को लिखे खतों में उठाया तो उन्हें सफलता भी मिली। इसका असर यह हुआ कि राष्ट्रपति के आदेश पर गृहमंत्रालय ने प्लास्टिक के तिरंगों के इस्तेमाल पर पूर्णतया रोक लगा दी। वहीं गृह मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि कोई व्यक्ति तिरंगे का अपमान करता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ सम्बन्धित थाने में राष्ट्रीय सम्मान एक्ट 1971 और फ्लैग कोड आफ इंडिया 2002 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है।
स्वतंत्रता दिवस हो या फिर गणतंत्र दिवस का मौका छोटे-छोटे बच्चे हाथों में तिरंगे लिए घूमते हैं। बाद में ये तिरंगे सड़कों के किनारे फेंक दिए जाते हैं। तिरंगे की शान में हो रही इस गुस्ताखी से आहत नजीबाबाद के मोहल्ला दरबाराशाह निवासी रवि कपूर ने तिरंगे को सम्मान दिलाने की ठान ली। उन्होंने साल 2005 से लेकर 2020 तक राष्ट्रीय पर्वों से पहले ही राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सभी राज्यों के राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्रों के जरिए तिरंगे के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाए जाने का मुद्दा उठाना शुरू किया। उनका कहना है कि राष्ट्रीय पर्व पर होने वाले कार्यक्रमों की समाप्ति के बाद प्लास्टिक के तिरंगे कूड़े के ढेरों में मिलते हैं, इससे तिरंगे का अपमान होता है। उनके लिखे पत्रों पर कार्रवाई करते हुए राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय को कार्रवाई के आदेश दिए। रवि कपूर की इस मुहिम में उनका पूरा परिवार भी साथ खड़ा रहता है।
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गृह मंत्रालय ने दिए
प्रतिबंध के आदेश
रवि कपूर को पहली सफलता उस वक्त मिली, जब गृह मंत्रालय के पब्लिक सेक्शन अधिकारी सुनील कुमार ने उन्हें भेजे जवाब में स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सम्मान एक्ट 1971 और फ्लैग कोड आफ इंडिया 2002 के तहत प्लास्टिक के तिरंगे की बिक्री एवं निर्माण करना अवैध है। यदि कोई व्यक्ति तिरंगे का अपमान करता है तो उसके खिलाफ सम्बन्धित थाने में उक्त धाराओं में रिपोर्ट भी दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने पत्र में कहा था कि इस आदेश के बाद हिमाचल, सिक्किम, गुजरात समेत पांच राज्यों में प्लास्टिक के तिरंगे के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा चुकी है।
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बीसवें स्थान पर
रखा अभियान
दो साल पहले प्लास्टिक के तिरंगे की बिक्री पर प्रतिबंध को चलाए जा रहे इस अभियान को एन्वायरमेंट फारेस्ट क्लाइमेट चेंज मंत्रालय ने 20वें स्थान पर रखा है। मंत्रालय के अनुसचिव ने एमके भगत ने रवि कपूर को भेजे जवाब में पुष्टि भी की है।