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समाज की तरक्की में लगाएं कलम: अमर सिंह

जेएनएन बिजनौर। नजीबाबाद में ए सुखन जलालाबाद की ओर से शायर एवं स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मौहम्मद

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 06:58 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 06:58 PM (IST)
समाज की तरक्की में लगाएं कलम: अमर सिंह
समाज की तरक्की में लगाएं कलम: अमर सिंह

जेएनएन, बिजनौर। नजीबाबाद में ए सुखन जलालाबाद की ओर से शायर एवं स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मौहम्मद अली जौहर के जन्मदिन पर शेरी नशिस्त का आयोजन किया गया।

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जलालाबाद में वरिष्ठ शायर अकरम जलालाबादी के आवास पर आयोजित शेरी नशिस्त का शुभारंभ आकाशवाणी केंद्र के सहायक केंद्र निदेशक अमर सिंह को शाल ओढ़ाकर सम्मानित कर किया गया। अमर सिंह ने कवि एवं शायर को समाज का आईना बताते हुए कलम को समाज की तरक्की, भलाई की दिशा में काम करने, कुरीतियों के खात्मे और शिक्षा की मशाल जलाने के लिए समर्पित रखने की अपील की। वरिष्ठ शायर महेंद्र अश्क ने हम हिज्र मनाते हुए निकले थे किसी का, लौटे तो वो ही हिज्र मनाते हुए आए, अकरम जलालाबादी ने तेरा एहतराम शायद कहीं मुझसे हो ना पाए, अभी सामने ना आना अभी दौर ए बेखुदी है, सरफराज साबरी ने ख्वाब ए गफलत में है सोने दो इन्हें मत छेड़ो, ये अगर हो गए बेदार तो फिर तुम जानो, शादाब जफर ने खत्म सब हंसना-हंसाना हो गया, मुस्कुराए इक जमाना हो गया, काजी विकाउल हक ने कहर बनके आया जहां में कोरोना, है लाशों का हर सिम्त यारों बिछौना, मौसूफ वासिफ ने फिर वो ही गुजरा जमाना चाहता हूं, थक गया हूं गांव जाना चाहता हूं, शकील वफा ने वक्त हाथों से जब यार निकल जाएगा, अपना साया भी उस रोज बदल जाएगा.. कलाम पेश कर समां बांधा। महेंद्र अश्क की अध्यक्षता एवं ताहिर महमूद के संचालन में आयोजित शेरी नशिस्त में आकाशवाणी केंद्र के सहायक केंद्र निदेशक अमर सिंह, सनव्वर अली, तैय्यब जमाल, मुख्तार अहमद शाद, अबरार सलमानी आदि ने कलाम पेश किए।


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