बारहवफात जुलूस के झंडी को लेकर गांव में तनाव
किरतपुर(बिजनौर) : अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा ईद मिलाद-उल-नबी का जुलूस निकालने के लिए गांव शाहलीपुर अब्दुल सत्तार उर्फ मदनपुर में झंडी लगाने पर अनुसूचित जाति के लोगों में रोष फैल गया। हरकत में आई पुलिस ने अनुसूचित जाति के लोगों के घरों के आगे से झंडियां उतरवा दीं।
किरतपुर(बिजनौर) : अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा ईद मिलाद-उल-नबी का जुलूस निकालने के लिए गांव शाहलीपुर अब्दुल सत्तार उर्फ मदनपुर में झंडी लगाने पर अनुसूचित जाति के लोगों में रोष फैल गया। हरकत में आई पुलिस ने अनुसूचित जाति के लोगों के घरों के आगे से झंडियां उतरवा दीं। साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को कोई नई परंपरा शुरू न करने की चेतावनी दी।
गांव शाहलीपुर अब्दुल सत्तार उर्फ मदनपुर में अल्पसंख्यक समुदाय के आबिद, असगर, रिजवान, समशीद, अब्बास आदि ने बुधवार को ईद मिलाद-उल-नबी का जुलूस निकालने के लिए एसडीएम नजीबाबाद से अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुसूचित जाति के योगेंद्र, परशुराम तथा ओमप्रकाश आदि के विरोध के कारण प्रशासन ने जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी। इस बीच सोमवार को अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने अपने घरों के साथ विरेंद्र के घर से शिवचरण के घर तक और अन्य स्थानों पर बारहवफात पर्व के उपलक्ष्य में झंडियां लगा दीं। जिससे अनुसूचित जाति के लोगो में रोष फैल गया। उन्होंने पुलिस को झंडी लगी होने की जानकारी देते हुए आपत्ति जताई।
कोतवाल दुर्गेश कुमार मिश्र फोर्स के साथ गांव पहुंच गए और अनुसूचित जाति के लोगों के घरों के आगे लगी झंडियां उतरवा दीं। कोतवाल ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को बारहवफात का जुलूस बिना इजाजत न निकालने एवं गांव में कोई नई परंपरा शुरु नहीं करने की हिदायत दी।
बता दें कि गांव में रविदास मंदिर और मस्जिद पर लाउडस्पीकर बजाने का विवाद कई वर्षो से चल रहा था। उच्च न्यायालय के आदेश पर दोनों पक्षों के धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवा दिए गए थे।
कोतवाल दुर्गेश कुमार मिश्र ने बताया कि गांव में कोई नई परंपरा शुरू नहीं करने दी जाएगी। अनुसूचित जाति के लोगों के घरों के आगे से झंडियां उतरवा दी गई हैं। दोनों पक्षों के 25-25 लोगों को मुचलका पाबंद किया गया है। उल्लंघन करने वालों की एक लाख रुपये की संपत्ति जब्त की जाएगी। मामले के बाद से गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है।