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कांवड़ियों के जयघोष से हुआ शिवमय

श्रावण माह शिवरात्रि से 12 दिन पहले से ही पूरा शहर शिवभक्त कांवड़ियों के जयघोष से शिवमय हो गया है। भोले की बम एक-दो-तीन-चार भोले तेरी जय जय कार टेढ़ी मेढ़ी है डगरिया जल चढ़ेगा भोले की नगरियां जयकारा वीर बजरंगी हर हर महादेव की गूंज से नगरवासियों को श्रावण शिवरात्रि पर्व आने का एहसास हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 11:09 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 06:22 AM (IST)
कांवड़ियों के जयघोष से हुआ शिवमय

बिजनौर, जेएनएन। श्रावण माह शिवरात्रि से 12 दिन पहले से ही पूरा शहर शिवभक्त कांवड़ियों के जयघोष से शिवमय हो गया है। भोले की बम एक-दो-तीन-चार भोले तेरी जय जय कार, टेढ़ी मेढ़ी है डगरिया जल चढ़ेगा भोले की नगरियां, जयकारा वीर बजरंगी हर हर महादेव की गूंज से नगरवासियों को श्रावण शिवरात्रि पर्व आने का एहसास हो गया है।

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नगीना नगर से होकर निकलने वाले नैनीताल जिले के गांव बिदुखता शांतिनगर निवासी कांवड़िया प्रेम सिंह 38 वर्षीय ने बताया कि वह अनेक शिवभक्तों के साथ प्रत्येक वर्ष हरिद्वार से भोले की कांवड़ में जल लेकर निकलते है। उनके जत्थे में रूद्रपुर, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के शिवभक्त कांवड़िये शामिल रहते है। नगीना से होकर जाने वाले शिवभक्त कांवड़ियों की सेवा करने को नगर की समाज सेवी संस्था जय बजरंगी सर्व समाज सेवा समिति, ब्राह्मणी वाला तालाब श्रीकृष्ण गौशाला, गंगानगर कालोनी शिव मंदिर भण्डारा समिति, बड़ा मंदिर श्रीमुक्तेश्वरनाथ समिति द्वारा भंडारों का आयोजन करने की व्यवस्था में जुटी हुई है।

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.तो गड्ढों से गुजरेंगे कांवड़िए

- जासं, चांदपुर : एक तरफ शासन की ओर से कांवड़ियों की सुरक्षा को लेकर हर दिन अधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा है। अफसोस की बात यह है कि कोतवाली के सामने से गुजर रही सड़क का हाल बदहाल है। इस मार्ग से कांवड़ियों को गुजरना है, लेकिन, अधिकारियों की नजर उखड़ी सड़क पर नहीं पड़ रही है।

श्रावण मास में कांवड़ियों को रैला चांदपुर से भी गुजरता है। यहां से बुलंदशहर, गजरौला, संभल, हापुड़, आदि स्थानों वाले शिवभक्त गुजरते हैं। कोतवाली के सामने से ही उनका रूट है। हर वर्ष बड़ी संख्या में डाक कांवड़ के अलावा अन्य शिवभक्त कांवड़ लेकर गुजरते हैं। अब धीरे-धीरे कांवड़ियों की आवाजाही तेज हो गई है, लेकिन, सुरक्षा और सुविधा के दावे कोतवाली के सामने आकर थम जाते है। वजह, कोतवाली के ठीक सामने से नहटौर मार्ग बुरी तरह टूट चुका है। जलभराव रहने से सड़क में बड़े-बड़े गड्ढ़े हो चुके है। ऐसे में कांवड़ियों को गड्ढों वाले मार्ग से गुजरना होगा। जल निकासी की व्यवस्था न होने से यहां भारी जलभराव हो रहा है। जिससे सड़क के गड्ढों का भी पता नहीं लगता है। उधर, अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। कोतवाली प्रभारी लव सिरोही का कहना है कि पालिका व पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से वार्ता की जा चुकी है। संभवत: जल्द सड़क ठीक कर दी जाएगी।


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