दारोगा हत्याकांड में मोबाइल नेटवर्क से पुलिस को मिला क्लू
बिजनौर : दारोगा हत्याकांड में नाकाम पुलिस को करीब चार माह बाद मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से
बिजनौर : दारोगा हत्याकांड में नाकाम पुलिस को करीब चार माह बाद मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से महत्वपूर्ण क्लू मिला है। हत्याकांड में दारोगा के परिवार के एक सदस्य की भूमिका शुरुआत से ही संदिग्ध थी। मोबाइल नेटवर्क व अन्य साक्ष्य को आधार बनाकर पुलिस टीम हत्याकांड का पर्दाफाश करने की कोशिश में जुटी है। पुलिस हत्याकांड में इस्तेमाल हुए भाड़े के कातिल को ट्रेस कर रही है। जल्द ही हत्याकांड से पर्दा उठने की संभावना जताई जा रही है।
मंडावर थाना क्षेत्र के बालावाली चौकी इंचार्ज सहजोर ¨सह मलिक निवासी गांव लिसाढ़ शामली की 30 जून को गला रेतकर नृशंस हत्या कर दी गई थी। दारोगा की पिस्टल भी लूटकर ले गए थे। आधा दर्जन टीमें दो माह से हत्याकांड का पर्दाफाश करने के कोशिश में लगी है। पुलिस खनन, शराब तस्करी, निजी रंजिश, नशेड़ी गैंग व पुराने केसों से जुड़ी ¨बदुओं पर गहराई से पड़ताल कर चुकी है। पुलिस के टारगेट पर दारोगा के परिवार का एक सदस्य भी है। इसलिए पुलिस ने परिवार के सदस्य का टेस्ट वाइस एनालाइजर कराया भी कराया था। लखनऊ लैब में हुए इस टेस्ट में कोई महत्वपूर्ण तथ्य नहीं मिल पाया था। पुलिस को एक महत्वपूर्ण सुराग मिला है। घटना के दिन उक्त सदस्य जिले में था। उसका का मोबाइल बिजनौर सीमा में प्रवेश के समय बंद आया था। पूछताछ में परिवार के सदस्य ने बताया था कि उस वक्त आने-जाने वाले मार्ग पर नेटवर्क नहीं था। इस पर पुलिस ने उसके मोबाइल नंबर की कंपनी ने उसी मार्ग व निश्चित समय का नेटवर्क मांगा था। कंपनी की ओर से दिए नेटवर्क की जानकारी से उक्त सदस्य का बयान मेल नहीं खा रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कंपनी का दावा है कि उस समय पूरे दिन कंपनी का मोबाइल नेटवर्क रहा है। पुलिस की टीम भाड़े के हत्यारों की खोजबीन में जुटी है। पुलिस को हत्याकांड में कोई ओर महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है। इस ¨बदु को आधार बनाकर पुलिस हत्याकांड का पर्दाफाश कर सकती है। एसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि पुलिस हर ¨बदु पर जांच कर रही है। कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। उन ¨बदुओं की जांच की जा रही है।