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वाह री पुलिस! निर्दोष का बना दिया हत्यारा

पुलिस कब निर्दोष को दोषी बना दे और कब दोषी को क्लीन चिट दे दे कह पाना मुश्किल है। ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है नूरपुर पुलिस ने। गांव बाखराबाद खटाई में साधु हत्याकांड में पहले निर्दोष को जेल भेजकर घटना का राजफाश कर अपनी पीठ थपथपा ली।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 10:35 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 06:23 AM (IST)
वाह री पुलिस! निर्दोष का बना दिया हत्यारा

बिजनौर, जेएनएन। पुलिस कब निर्दोष को दोषी बना दे और कब दोषी को क्लीन चिट दे दे, कह पाना मुश्किल है। ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है नूरपुर पुलिस ने। गांव बाखराबाद खटाई में साधु हत्याकांड में पहले निर्दोष को जेल भेजकर घटना का राजफाश कर अपनी पीठ थपथपा ली। परिजन आगे आए तो जांच बैठी और अब असली हत्यारोपित को गिरफ्तार कर एक बार फिर राजफाश कर डाला। हत्या का कारण मठ से जुड़ा विवाद बताया जा रहा है। अब भले ही पुलिस पहले जेल भेजे गए व्यक्ति की रिहाई के लिए रिपोर्ट भेज रही हो लेकिन, बिना जुर्म के जेल में बिताए दिन पुलिस कहां से वापस लाकर देगी?

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नूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खटाई स्थित पीताम्बर दास आश्रम में 19 जून की रात साधु सतपाल सिंह उर्फ महंत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाबा एक माह पहले ही मंडावली क्षेत्र के प्रेमपुरी मंदिर से आश्रम में आए थे। आश्रम परिसर में ही अंतिम संस्कार किया गया था। मृतक मूल रूप से नहटौर थाना क्षेत्र के गांव करीमपुर के निवासी थे। बीती 22 जून को एसपी संजीव त्यागी ने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस वार्ता में हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए बताया था कि गांव कबीरनगर नूरपुर निवासी तेजपाल ने अपने साथी विजय नंगला निवासी मोनू के साथ मिलकर हत्या की है। झाड़-फूंक के विवाद में हत्या होना बताया था। प्रेस वार्ता में आरोपित ने खुद को निर्दोष बताया था। कोर्ट में पेश करने के बाद तेजपाल को जेल भेज दिया गया था।

तेजपाल के परिजनों ने उच्चाधिकारियों से से लेकर सीएम तक गुहार लगाते हुए कहा था कि पुलिस ने फर्जी राजफाश किया है। तेजपाल को निर्दोष बताते हुए जांच की मांग की थी। एसपी ने पुन: जांच के आदेश दिए थे। अपराध निरीक्षक अवधेश सिंह ने फिर से जांच शुरू की तो घटनाक्रम की असलियत सामने आ गई। रविवार को पुलिस ने इस प्रकरण में मंडावली थाना क्षेत्र के गांव प्रेमपुरी निवासी मठ मालिक वीरेश को गिरफ्तार किया। नूरपुर थाना प्रभारी विनय कुमार ने बताया कि मठ को लेकर साधु का वीरेश से विवाद चल रहा था क्योंकि मठ की पूरी जिम्मेदारी साधु की थी, जबकि वीरेश अभी से मठ पर अपना हक जता रहा था। इसी को लेकर वीरेश और साधु के बीच कई बार नोकझोंक भी हुई थी। थाना प्रभारी ने बताया कि मठ पर पूरी तरह कब्जा करने के उद्देश्य से वीरेश ने साधु की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपित के पास से तमंचा बरामद किया है। पुलिस ने कोर्ट में पेश करने के बाद वीरेश को जेल भेज दिया। एसपी का कहना है कि तेजपाल की रिहाई के लिए रिपोर्ट भेजी जा रही है। पूर्व में हुए राजफाश में पुलिसकर्मियों की जांच सीओ को सौंपी गई है। जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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