साहब, मोदी जी वाले रुपये दिलवा दीजिए
लॉक डाउन के दौरान सबसे अधिक उल्लंघन बैंकों में देखने को मिल रहा है। स्थानीय प्रशासन की सख्ती के बावजूद सरकार द्वारा जनधन खातों में डाले गए रुपयों को निकालने के लिए जुटी भीड़ कम नहीं हो रही है।
बिजनौर, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक उल्लंघन बैंकों में देखने को मिल रहा है। स्थानीय प्रशासन की सख्ती के बावजूद सरकार द्वारा जनधन खातों में डाले गए रुपयों को निकालने के लिए जुटी भीड़ कम नहीं हो रही है। छुट्टी के बाद सोमवार को बैंक खुलने पर भारी भीड़ जुट गई। ग्रामीण महिलाएं बैंक अधिकारियों से प्रधानमंत्री द्वारा भेजे जाने वाले रुपये देने की गुहार लगा रही हैं। वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि रुपये निकालने वालों से अधिक भीड़ पासबुक में एंट्री कराने वालों की हो रही है। लोग यह जानना चाह रहे हैं कि उनके खाते में रुपये पहुंचे या नहीं।
सरकार द्वारा जनधन खाते में रुपये भेजने के बाद से एकदम से बैंकों में भीड़ जुटना शुरू हो गई है। जिसके चलते लॉकडाउन उल्लंघन के सबसे अधिक मामले बैंकों के बाहर ही देखने को मिल रहे हैं। पुलिस-प्रशासन की सख्ती के बाद भी लोग समझने को तैयार नहीं हैं। बैंकों के बाहर न तो लॉकडाउन का पालन हो रहा है और न ही शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियमों का। यहां सबसे अधिक भीड़ महिलाओं की जुट रही है। सोमवार को धामपुर के इलाहाबाद बैंक और हरेवली के सर्वयूपी ग्रामीण बैंक के बाहर भारी देखने को मिली। यहां व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास कर रहे पुलिस वालों से ग्रामीण महिलाएं यह कहते हुए दिखीं कि साहब.. मोदी जी वाले रुपये दिलवा दीजिए। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह अफवाह उड़ी थी कि सरकार के भेजे गए रुपये जल्द न निकालने पर वापस हो जाएंगे। बैंक अधिकारियों के मुताबिक लोगों को लगातार समझाया जा रहा है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि रुपये निकालने से अधिक पासबुक में एंट्री कराने वालों की भीड़ अधिक है।