वारिस होने के बाद भी लावारिस पड़े हैं पार्सल
नजीबाबाद (बिजनौर): नाम है, पता है और मजमून भी है, नहीं है तो बस ठिकाना। कुछ यही स्थिति है रेलवे
नजीबाबाद (बिजनौर): नाम है, पता है और मजमून भी है, नहीं है तो बस ठिकाना। कुछ यही स्थिति है रेलवे स्टेशन परिसर नजीबाबाद में दो माह से पड़े पार्सलों की। जिन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने का जिम्मा रेलवे का था, लेकिन लचर कार्यप्रणाली के चलते ये लावारिस हो गए। रेलवे ने नजीबाबाद आरएमएस (रेलवे मेल सर्विस) को सहारनपुर में विकसित किए हब से संबद्ध तो कर दिया, लेकिन पार्सल को निश्चित समय में निर्धारित स्थान पर पहुंचाने की जिम्मेदारी नहीं निभाई। नतीजा यह है कि करीब दो महीने से पार्सल अपने मालिक के हाथों में नहीं पहुंच सके हैं।
नजीबाबाद रेलवे स्टेशन पर संचालित आरएमएस से पौड़ी गढ़वाल प्रखंड के 45 और जनपद बिजनौर के 43 पोस्ट ऑफिस संबद्ध हैं। यानि इन डाकखानों की डाक आरएमएस नजीबाबाद पहुंचने पर छंटनी के बाद गाड़ियों से वहां तक पहुंचाई जाती है। पोस्ट मास्टर जनरल लखनऊ के आदेश पर 17 अगस्त 2018 को आरएमएस नजीबाबाद से पार्सल सेक्शन सहारनपुर डिवीजन में हब को स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद से पार्सल को निश्चित समय में पहुंचाने में डाक विभाग स्वयं को असहज महसूस कर रहा है।
दरअसल डाकघरों से पार्सल गंतव्य को भेजने के लिए आरएमएस भेजे जाते हैं। यहां से पार्सल सहारनपुर भेजने के लिए एकमात्र ट्रेन पंजाब मेल उपलब्ध है। वह भी सप्ताह में एक दिन कैंसिल की गई है। स्टेशन परिसर में प्लेटफार्म से लेकर आरएमएस कार्यालय परिसर तक पार्सलों के ढेर लगे हैं। करीब डेढ़ से दो महीने से रखे पार्सलों में अधिकांश दक्षिण भारत के बताए गए हैं। हालांकि विभागीय कर्मचारी कार्यालय पर रहते हैं, लेकिन खुले में रखे पार्सलों की सुरक्षा को लेकर भी स्थिति चिंताजनक है।
पार्सल न निकलने के प्रमुख कारण
-अपेक्षाकृत कम क्षमता वाला एकमात्र 20 सीटर कोच।
-पंजाब मेल का नजीबाबाद में महज दो मिनट का स्टापेज।
-सप्ताह में एक दिन कैंसिल की गई है ट्रेन। इन्होंने कहा
पार्सल पोस्टऑफिस से भी विलंब से मिल रहे हैं। अब समस्या काफी जटिल हो गई है। निराकरण के लिए डिवीजन बात की गई है। सहारनपुर ना पहुंचा पाने की स्थिति में गाजियाबाद हब तक पार्सल पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।
- मुनेंद्र ¨सह, प्रभारी आरएमएस नजीबाबाद।