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जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन कब्जाने का किया विरोध

जेएनएन बिजनौर। रामपुर में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को प्रदेश सरकार द्वारा अपन

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 10:41 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 10:41 PM (IST)
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन कब्जाने का किया विरोध
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन कब्जाने का किया विरोध

जेएनएन, बिजनौर। रामपुर में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को प्रदेश सरकार द्वारा अपने अधीन किए जाने के विरोध में नगर क्षेत्र में सर्वदलीय बैठक हुई। प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया।

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शनिवार को आयोजित बैठक में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल, मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, एआइएमआइएम के कार्यकर्ता शामिल हुए। पूर्व चेयरमैन मुअज्जम खां के आवास पर हुई बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं शेख मोहम्मद आबिद, एम अकरम खां, रफीक अंसारी, शरीफ अहमद, मौहम्मद जीशान के साथ साथ धार्मिक विद्वानों एवं उलमा मौलाना ईसा, मौलाना लियाकत, मुफ्ती अब्दुल्ला, मुफ्ती अरशद, मनमोहन सिंह आदि ने मौहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए छेड़े जाने वाले आंदोलन में पूरा समर्थन देने की घोषणा की। मुअज्जम खां ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी केवल आजम खां की ही नहीं है, इसे बनवाने के लिए धर्म-जाति से ऊपर उठकर कई भारतीयों ने योगदान दिया है। जो ताकत इस यूनिवर्सिटी को गिराने की कोशिश करेगी, उसके खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाएगा। मीटिग के बाद राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया।

नरेगा मजदूरों का सेकेट्री के खिलाफ प्रदर्शन

जेएनएन, बिजनौर। पिछले छह माह से नरेगा मजदूरों का विभाग द्वारा मजदूरी का भुगतान नहीं मिला है। मजदूरी ने मिलने से उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। इसके विरोध में मजदूरों ने पंचायत सेकेट्री के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजते हुए इस मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

क्षेत्र के गांव सलावा में नरेगा के तहत मजदूरों से काम कराया गया था। आरोप है कि पिछले माह से उनकी मजदूरी का एक भी पैसा पंचायत सचिव द्वारा नहीं दिया गया है। इससे उनके घरों में रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है। मजदूरों ने कई बार विभागीय अफसरों से इस बाबत अवगत कराया, लेकिन उनकी किसी ने एक नहीं सुनी। इसके चलते रविवार को सभी मजदूर गांव में एकत्र हुए तथा उन्होंने पंचायत सेकेट्री के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को भी शिकायती पत्र भेजते हुए इस मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों में प्रधान भगीरथ सिंह, मुनेश कुमार, राहेश सिंह, बल्लू सिंह, नीरज, चेतराम सिंह, रामपाल आदिश शामिल रहे। वहीं पंचायत सेकेट्री का कहना है कि यह काम उनके अंडर में नहीं आता है। यह काम टीए व रोजगार सेवक का है। उन पर लगाए आरोप निराधार हैं।


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