घटनाओं से सबक नहीं ले रहे अधिकारी
बिजनौरजेएनएन। कुछ समय के अंतराल पर ही हादसे होने से ऐसा लगता है कि हादसों से रेल अधिकारी सबक नहीं ले रहे हैं। इसके चलते दो से तीन महीनों के बीच ही डिरेलमेंट की घटनाओं में इजाफा होता जा रहा है। सबसे ज्यादा सुरक्षित कही जाने वाली वाशिग लाइन में भी ट्रेन बेपटरी हो जाए तो रेल संचालन के प्रति इससे बड़ी गैरजिम्मेदारी का उदाहरण कोई दूसरा नहीं हो सकता।
घटनाओं से सबक नहीं ले रहे अधिकारी
बिजनौर,जेएनएन। कुछ समय के अंतराल पर ही हादसे होने से ऐसा लगता है कि हादसों से रेल अधिकारी सबक नहीं ले रहे हैं। इसके चलते दो से तीन महीनों के बीच ही डिरेलमेंट की घटनाओं में इजाफा होता जा रहा है। सबसे ज्यादा सुरक्षित कही जाने वाली वाशिग लाइन में भी ट्रेन बेपटरी हो जाए, तो रेल संचालन के प्रति इससे बड़ी गैरजिम्मेदारी का उदाहरण कोई दूसरा नहीं हो सकता। मंगलवार को रेलवे वाशिग लाइन में शंटिग के दौरान डेड एंड को ध्वस्त कर एसएलआर कोच के गड्ढे में गिरने की घटना ने आखिरकार रेलवे अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
14 अगस्त 2019 को पुरैनी-नगीना के बीच रेल लाइन फ्रैक्चर होने की सूचना मिलने पर दून एक्सप्रेस ट्रेन को पुरैनी स्टेशन पर रोक लिया गया था। जिससे दून एक्सप्रेस ट्रेन बेपटरी होने से बच गई थी।
17 अक्टूबर 2019 को मठेरी रेलवे फाटक पर कोयले से भरी मालगाड़ी के अप लाइन पर एक डिब्बे के चार पहिए पटरी से उतर गए थे। इससे एक किलोमीटर तक रेल ट्रैक खराब हुआ था। 18 अक्टूबर 2019 को नजीबाबाद स्टेशन के यार्ड में ऑयल वैगन के इंजन का पहिया पटरी से उतर गया था। रेलवे की एक्सिडेंट रिलीफ ट्रेन (एआरटी) की मदद से इंजन के पहिए को पटरी पर रखा गया। संयोग से पहिया ऑयल डिपो से जुड़ी लाइन पर उतरा। इससे रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनों का संचालन बाधित नहीं हुआ। 11 जनवरी 2020 को ज्वालापुर से विसारतगंज जा रही खाली मालगाड़ी के पहिए नगीना से पहले मठेरी रेलवे क्रॉसिग के आसपास ट्रैक से उतर गए थे। इस स्थिति में ट्रेन करीब चार किलोमीटर तक दौड़ गई थी। जिससे कई स्लीपर और उनसे जुड़े पेंड्रोल क्लिप क्षतिग्रस्त हो गए। दो जगह पटरियां चटक गईं थीं। 18 फरवरी 2020 को रेलवे स्टेशन की वाशिग लाइन में शंटिग करते समय अंतिम छोर पर लगा एसएलआर कोच ठोकर को तोड़कर करीब 17 मीटर पीछे पहुंचकर कच्चे में गिर गया था।