Move to Jagran APP

श्रमिकों की टेस्टिग को पर्याप्त किट तक नहीं

कोरोना प्रभावित राज्यों और कोरोना संक्रमण के नजरिए से उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जनपदों से लौट रहे सैकड़ों कामगारों की नजीबाबाद में सैंपलिग नहीं की जा रही है। पंजीकरण कर उन्हें होम क्वारंटाइन के लिए कहा जा रहा है। वहीं पंजीकरण के लिए आने वाले कामगारों के बीच शारीरिक दूरी बनाने में लापरवाही हो रही है। यह चूक किसी भी क्षण विस्फोटक हो सकती है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 10:24 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 06:08 AM (IST)
श्रमिकों की टेस्टिग को पर्याप्त किट तक नहीं

बिजनौर, जेएनएन। कोरोना प्रभावित राज्यों और कोरोना संक्रमण के नजरिए से उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जनपदों से लौट रहे सैकड़ों कामगारों की नजीबाबाद में सैंपलिग नहीं की जा रही है। पंजीकरण कर उन्हें होम क्वारंटाइन के लिए कहा जा रहा है। वहीं, पंजीकरण के लिए आने वाले कामगारों के बीच शारीरिक दूरी बनाने में लापरवाही हो रही है। यह चूक किसी भी क्षण विस्फोटक हो सकती है।

loksabha election banner

महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों से आ रहे कामगारों की सैंपलिग की व्यवस्था सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र समीपुर में की गई है। नोडल अधिकारी डॉ सर्वेश निराला के निर्देशन में स्वास्थ्यकर्मियों की टीम जी-जान से जुटी हैं। सैकड़ों श्रमिकों के आने से अस्पताल परिसर में मेले जैसा माहौल बना है। शारीरिक दूरी बनाए बगैर ही श्रमिक पंजीकरण की कतार में लगे हैं। उन्हें यह भी नहीं पता कि उनकी सैंपलिग नहीं होगी। स्वास्थ्यकर्मी पंजीकरण कराने वालों का नाम, पिता का नाम, मोहल्ला, गांव, मोबाइल नंबर एवं वे कहां से आए हैं.. यह सब एक रजिस्टर में कोड करने के साथ ही एक पंजीकरण स्लिप कामगार को सौंप रहे थे, लेकिन कोरोना टेस्ट के लिए उनकी सैंपलिग नहीं की गई। घंटों लाइन में लगने के बाद बगैर सैंपलिग ही कामगार वापस लौट गए।

कोरोना प्रभावित राज्यों से आए कामगार बोले

मैं मुंबई में ऑटो रिक्शा चलाता था। काम बंद होने पर भुखमरी का शिकार हो रहा था। सैंपलिग कराने आया था, लेकिन सैंपलिग नहीं हो सकी। अब मुझे या मेरे कारण किसी दूसरे को समस्या होगी, तो कौन जवाब देगा।

- मोहम्मद आलम, गांव रम्मनवाला, नजीबाबाद

मैं पंजाब के बठिडा से आया हूं। लॉकडाउन के कारण पार्लर का काम बंद हो चुका था। काफी परेशानी झेलकर वापस लौटा हूं। जांच कराने आया था, लेकिन सैंपलिग नहीं हुई। हर कोई औपचारिकता कर रहा है।

- मोहम्मद इमरान, गांव राहूखेड़ी, नजीबाबाद

इनका कहना है

ज्यादा सैंपलिग किट रखना संभव नहीं है। जिले से 50-50 सैंपलिग किट लाई जाती हैं। 11 मई से अब तक एक हजार से ज्यादा कामगार व लोग पंजीकरण करा चुके हैं। सभी की एक साथ सैंपलिग अस्पताल पर कराना संभव नहीं होता। पंजीकृत किए लोगों को होम क्वारंटाइन के लिए कहा जा रहा है। उनकी रैंडम सैंपलिग का अभियान सोमवार से शुरू किया जाएगा।

-डॉ सर्वेश निराला, नोडल अधिकारी नजीबाबाद।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.