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ट्रामा सेंटर व बस अड्डे का इंतजार नहीं हुआ पूरा

उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को अपना ऐतिहासिक बजट पेश किया। बड़ी-बड़ी योजनाओं से हर वर्ग को राहत देने का प्रावधान किया गया है नई योजनाएं में ग्रामीण सीएचसी को 100 बैड का अस्पताल बनाने

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 11:22 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:09 AM (IST)
ट्रामा सेंटर व बस अड्डे का इंतजार नहीं हुआ पूरा

बिजनौर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को अपना ऐतिहासिक बजट पेश किया। बड़ी-बड़ी योजनाओं से हर वर्ग को राहत देने का प्रावधान किया गया है, नई योजनाएं में ग्रामीण सीएचसी को 100 बैड का अस्पताल बनाने, सड़कों के चौड़ीकरण और किसानों को राहत देने के लिए योजनाएं लाई गई हैं, लेकिन दूसरी ओर सरकार का ध्यान लंबे से अधूरी पड़ी योजनाओं पर नहीं गया। धामपुर क्षेत्र में पिछली समाजवादी सरकार से अभी तक कई योजनाएं अधूरी पड़ी हैं, योगी सरकार आने के बाद स्थानीय निवासियों को उम्मीद थी, लेकिन पूरी नहीं हो सकी।

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धामपुर क्षेत्र में कई योजनाएं ऐसी शुरु की गई थीं, जिनका सीधा लाभ आम जनता को मिलना था। यदि ये समय से पूरी हो जातीं तो क्षेत्र की सूरत ही बदल जाती, लेकिन सरकारी तंत्र की कछुए की चाल से चलने के कारण ये योजनाएं आज भी अधर में अटकी हैं। जिससे एक ओर सरकार के लाखों रुपये बर्बाद हो रहे हैं, वहीं लोग इन सुविधाओं से महरूम हैं। इनमें से कुछ योजनाएं तो मायावती सरकार की हैं, जो कांशीराम आवास के रूप में मुरादाबाद रोड पर शुरु की गई थी। वहीं पिछली सपा सरकार की योजनाएं भी अभी तक पूरी नहीं हो सकी हैं।

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ट्रामा सेंटर की राह देख रहे मरीज

धामपुर में नूरपुर रोड स्थित सीएचसी परिसर में अखिलेश सरकार में ट्रामा सेंटर का निर्माण शुरु हुआ था। उस समय दावा किया गया था, तीन-चार वर्ष में काम पूरा होकर आम जनता को राहत मिलेगी। सीएचसी में अधिकांश मरीजों को बिजनौर रेफर किया जाता है। ट्रामा सेंटर के बाद इनका इलाज यहीं होने का दावा किया गया था, लेकिन करीब आठ-नौ वर्ष बीतने के बाद भी इस इमारत अधूरी है, काम अभी भी जारी है। इसका सीधा असर स्थानीय मरीजों पर हो रहा है। आज भी दुर्घटना के मामलों में रेफर होने के बाद कई लोग रास्ते में ही अपनी जान गंवा देते हैं।

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बस अड्डा और डिपो नहीं मिला

योगी सरकार में परिवहन मंत्री अशोक कटारिया का गृह स्थान होने के बाद धामपुर को अभी तक अपना रोडवेज डिपो और नया बस अड्डा नहीं मिल सका है। सपा सरकार के समय से ही इसके लिए नगर में जमीन तलाश की जा ही है, लेकिन अभी तक इस अपने अंतिम चरण में नहीं पहुंच सका है। हालांकि परिवहन मंत्री ने यहां से पिछले नवरात्रों में एसी बस चलाने के दौरान वादा किया था, लेकिन आज भी इसका इंतजार है। उत्तराखंड व पूर्वी उत्तर प्रदेश जाने के लिए आज भी लोग परेशान रहते हैं। यही हाल मायावती सरकार में शुरू हुए कांशीराम आवास का है। यह बनकर तैयार हैं, लेकिन आज तक इनका अलॉटमेंट नहीं हो पाया है। बिजली व पानी की व्यवस्था भी नहीं हो सकी है।


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