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मोहर्रम पर अखाड़ा जुलूस निकालकर ताजिये दफनाए

नजीबाबाद: मोहर्रम पर अखाड़ा जुलूसों के साथ निकाले गए ताजिये परंपरागत ढंग से दफनाए गए। साहन

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 10:11 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 10:11 PM (IST)
मोहर्रम पर अखाड़ा जुलूस निकालकर ताजिये दफनाए
मोहर्रम पर अखाड़ा जुलूस निकालकर ताजिये दफनाए

नजीबाबाद: मोहर्रम पर अखाड़ा जुलूसों के साथ निकाले गए ताजिये परंपरागत ढंग से दफनाए गए। साहनपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में देर रात तक अखाड़ों का आयोजन हुआ।

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शहर के मौहल्ला सब्नीग्रान से उस्ताद अब्दुल रज्जाक, मुगलूशाह से उस्ताद जामिन व खुर्शीद, मछली बाजार से उस्ताद इलाही बख्श की देखरेख में अखाड़े निकाले गए।अखाड़ा कलाकारों ने शस्त्रों से हैरतअंगेज करतब दिखाए। सोगवारों ने हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद किया और सलामी देते हुए ताजिये दफ्न किए। अखाड़ा आयोजन के दौरान शहर में पुलिस व्यवस्था चाकचौबंद रही। वहीं क्षेत्र के कस्बा साहनपुर में भी मोहर्रम पर अखाड़े निकाले गए। साहनपुर में शुक्रवार रात को शुरू हुए अखाड़े का क्रम शनिवार शाम तक जारी रहा। साहनपुर में अखाड़ों के बड़े आयोजनों को देखते हुए एसडीएम डा.पंकज वर्मा, सीओ अरुण कुमार ¨सह के निर्देशन में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद रही। समाचार लिखे जाने तक अखाड़े जारी थे।

उधर, यौमे आशुरा के मौके पर दरगाहे आलिया नजफे ¨हद जोगीरम्पुरी में भी मातमी जुलूस निकाला गया। सोगवारों ने मरसियाख्वानी एवं नोहाख्वानी कर हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया और खिराजे अकीदत पेश की। इस मौके पर आयोजित मजलिस में शिया विद्वानों ने इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र करते हुए कहा कि शहादत से हमें सच्चाई पर चलने जुल्म के खिलाफ लड़ने का संदेश मिलता है।


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