बादशाह को शरीयत में दखल देने का अधिकार नहीं: आजम
कैबिनेट मंत्री आजम खां ने कहा कि बादशाह को दूसरे के धर्म में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। नोटबंदी के फैसले से अमीर नहीं गरीब लाइन में खड़ा है।
बिजनौर (जेएनएन)। कैबिनेट मंत्री आजम खां ने कहा कि बादशाह को दूसरे के धर्म में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। नोटबंदी के फैसले से अमीर नहीं गरीब लाइन में खड़ा है। भगौड़े माल्या का कर्ज माफ कर गरीब को बैंकों की लाइन में लगा दिया गया। आज कई परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री ने प्रधानमंत्री पर फिर वही पुराना तीर चलाते हुए कहा कि कि जिसकी बीवी घर का पता पूछ रही है, वह बादशाह दूसरे के धर्म में दखल दे रहा है। शरीयत कानून को बदलने का उसे कोई अधिकार नहीं है। हर व्यक्ति अपने धर्म के अनुसार जीना चाहता है। गुजरात में मुस्लिमों पर अत्याचार करने वाला अब उनका मददगार बन रहा है।
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नोटबंदी पर आजम ने कहा कि भगौड़े विजय माल्या का करोड़ों का कर्ज माफ करने वाला गरीबों के पास काला धन ढूंढ रहा है। कोई अमीर तो लाइन में नहीं लगा है, पर गरीब-बेरोजगार हो गया है। दिनभर लाइन में खड़ा है। चोर व बेईमान कहकर उसका अपमान किया जा रहा है। आजम खां ने बिना नाम लिए मायावती पर निशाना साधते हुए कहा कि दलितों की हमदर्द ने उनके लिए कुछ नहीं किया। हमने दलित महिला को काम पर भेजने से पहले बच्चों को स्कूल भेजने का अधिकार दिया। मुख्यमंत्री ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर विकास की राजनीति की। देश का सबसे बड़ा हाइवे बनाया है।
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भले बाल ठाकरे शेर हों लेकिन शेर है तो जानवर ही
आजम खां ने शिवसेना सुप्रीमो रहे स्व. बाल ठाकरे पर भी अमर्यादित टिप्पणी की। बताया कि हम मुंबई गए तो उनसे मिले। उनकी खूब तारीफ की। वह शेर के मुंह वाली सीट पर बैठते थे। मैने भी उन्हें शेर कह दिया तो लोग पूछने लगे कि आखिर इतनी तारीफ क्यो हो रही है? इस पर मैंने कहा कि भले ही ठाकरे शेर हों लेकिन शेर होता तो जानवर ही है।