कोरोना काल में सुस्त पड़ीं निगरानी समितियां, पूर्व प्रधान ने की व्यवस्था में सुधार की मांग
कोरोना ने ग्रामीण अंचल में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। गांवों में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। दुखद स्थिति यह है कि गांवों में न तो कोई टीम जांच के लिए पहुंच रही है और न ही बचाव के इंतजाम किए जा रहे हैं। पूर्व ग्राम प्रधान एवं किसान नेता ने कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में अब गांवों को प्राथमिकता देने की मांग की है।
बिजनौर, जेएनएन। कोरोना ने ग्रामीण अंचल में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। गांवों में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। दुखद स्थिति यह है कि गांवों में न तो कोई टीम जांच के लिए पहुंच रही है और न ही बचाव के इंतजाम किए जा रहे हैं। पूर्व ग्राम प्रधान एवं किसान नेता ने कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में अब गांवों को प्राथमिकता देने की मांग की है।
बिजौरी के पूर्व ग्राम प्रधान हरप्रीत सिंह संधू कहते हैं कि बिजौरी एवं आसपास के कुछ गांवों में एक-एक कर कई ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को टीमें गठित कर गांवों में घर-घर जाकर जांच करने और महामारी से बचाव के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दे रखे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। हालांकि जांच के अभाव में कोरोना से मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन गांवों में कोरोना फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग को जांच तीव्रता से करनी चाहिए। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान वोट डालने के लिए और कोरोना महामारी के बिगड़ते हालात को देखते हुए बाहरी क्षेत्रों से काफी लोग गांवों में आए थे। कोरोना जांच का स्तर धरातल पर पड़ा है। क्षेत्र के गांव मानपुर, सौफतपुर, हरचंदपुर, कामराजपुर आदि गांवों में कई-कई मौतें होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग नहीं चेता। इस समय भी गांवों में लोग बुखार और टायफाइड से पीड़ित हैं। कोरोना की जांच एवं बचाव के लिए चिकित्सक दल और निगरानी समितियां सुस्त नजर आ रही हैं। - - - - - - - --- - - - -