इमाम हुसैन ने इंसानियत बचाने को की थी जंग
बिजनौर: मुहर्रम की पहली तारीख को मंडावर रोड स्थित खुर्शीद मोहसिन जैदी के आवास पर बुधवा
बिजनौर: मुहर्रम की पहली तारीख को मंडावर रोड स्थित खुर्शीद मोहसिन जैदी के आवास पर बुधवार रात कदीमी मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस को आलिमेदीन मौलाना कौसर मुजतबा ने खिताब किया।
मंडावर रोड स्थित खुर्शीद मोहसिन जैदी के आवास पर बुधवार रात कदीमी मजलिस को खिताब करते हुए आलिमेदीन मौलाना कौसर मुजतबा ने कहा कि इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ यजीदी की कई गुना बड़ी फौज के साथ किसी मंसब, तख्तोताज, बादशाहत, किसी इलाके को कब्जाने अथवा धन-दौलत के लिए जंग नहीं बल्कि रसूल के दीन-ए-इस्लाम को बचाने, इंसानियत को बचाने के लिए जंग की थी। उन्होंने यजीद फौज की बर्बता के सामने इंसानियत के धर्म को झुकने नहीं दिया। वह अपने परिवार समेत जालिमों के हाथों कत्ल हो गये, लेकिन दुनिया को संदेश दे गए कि सही कदम उठाने वालों मर कर भी हमेशा ¨जदा रहता है। मुहर्रम का चांद दिखते ही मातमी जुलूसों का सिलसिला शुरू
संवाद सूत्र, किरतपुर: ग्राम मेमन सादात में मुहर्रम का चांद नजर आने के बाद मातमी जुलूसों का सिलसिला शुरू हो गया। दीवान खाना इमामबाड़े से मातमी जुलूस निकाला गया। वहीं मजलिस का आयोजन किया गया। इमाम बाड़ा इमली वाले में हसन मुस्तफा ने शांति समझदारी व सद्भावना से मुहर्रम मनाने की अपील की। इस मौके पर डॉ. हैदर शिकोह, हसन मुस्तफा, मोहम्मद कलीम, इसरार जैदी, एहताम हैदर, मोंटी, अज्जु अब्बास अली, असद मेहंदी एवं बुंदू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।