सदियों तक याद रहेगी कोरोना त्रासदी
कोरोना वायरस भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक त्रासदी के रूप में सामने आया है। इस महामारी को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाए हैं।
बिजनौर, जेएनएन। कोरोना वायरस भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक त्रासदी के रूप में सामने आया है। इस महामारी को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन जैसे कड़े कदम उठाए हैं। मानव से मानव में स्थानांतरित होने वाली ऐसी घातक बीमारी हमने अपने जीवन में कभी नहीं देखी। हां, बुजुर्गों से काला बुखार, प्लेग और चेचक जैसी बीमारी के बारे में सुना जरूर है।
इसके बावजूद लॉकडाउन या कर्फ्यू जैसे हालत कभी नहीं बने। यह कहना 65 वर्षीय राजेंद्र सिंह का है। नगर के मोहल्ला मकबरा निवासी राजेंद्र सिंह कहना है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वह सराहनीय हैं। इस महामारी ने पूरे विश्व में हाहाकार मचा रखा है। कोरोना को हराने के लिए सरकार ने चार मई से 17 मई तक तीसरे लॉकडाउन की घोषणा भी कर दी। लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। काम-धंधे बंद होने के बाद भी नागरिक सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए लॉकडाउन में पूरा सहयोग कर रहे हैं। यह अच्छी बात है कि सरकारी मशीनरी और नागरिकों की समझदारी से कोरोना वायरस कम्युनिटी में नहीं फैला। लॉकडाउन थ्री में सरकार ने कुछ शर्तों के साथ छूट दी है, लेकिन नागरिकों ने शारीरिक दूरी के मूलमंत्र पर अमल करते हुए लॉकडाउन-थ्री को भी पहले लॉकडाउन की तरह निकाल दिया तो निश्चित ही हम कोरोना वायरस पर जीत हासिल कर लेंगे और जनजीवन भी पहले की तरह पटरी पर लौट सकेगा।