मायावती का दावा- 2007 में बनी बसपा सरकार के फैसलों से डर गई थी भाजपा-कांग्रेस, इसलिए…
मायावती ने कहा कि ये पार्टियां और लोग चुनाव में आपको बांटकर बसपा के प्रत्याशियों को हराने के लिए खड़े होते हैं। इनका मकसद जीतना नहीं है। नगीना सीट पर ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। ऐसी पार्टियों और लोगों को एक भी वोट मत देना। उन्होंने कहा कि सपा के शासन में हुए मुजफ्फरनगर के दंगे में जाट समाज का उत्पीड़न किया गया।
जागरण संवाददाता, बिजनौर। बसपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि चौथी बार वर्ष 2007 में जब प्रदेश में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी और सरकार ने अहम फैसले लेने शुरू किए तो भाजपा और कांग्रेस को डर लगा कि कहीं बसपा केंद्र की सत्ता तक न पहुंच जाए, इसलिए उन्होंने वंचितों के वोटों को बांटकर कमजोर करने के लिए गरीब, वंचित और आदिवासी लोगों के बीच में से कुछ बिकाऊ लोगों की मदद से छोटे-छोटे संगठन और पार्टियां बना डालीं।
मायावती ने कहा कि ये पार्टियां और लोग चुनाव में आपको बांटकर बसपा के प्रत्याशियों को हराने के लिए खड़े होते हैं। इनका मकसद जीतना नहीं है। नगीना सीट पर ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। ऐसी पार्टियों और लोगों को एक भी वोट मत देना।
उन्होंने कहा कि सपा के शासन में हुए मुजफ्फरनगर के दंगे में जाट समाज का उत्पीड़न किया गया। ऐसा करके आपस में नफरत पैदा की गई। अब हम एकता कराएंगे। इसीलिए बिजनौर में समाज के प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है।
मायावती ने कहा कि बसपा इस बार किसी भी दल से गठबंधन न करके अपने दम पर चुनाव लड़ रही है, जिस प्रकार गलत नीतियों और कार्यों के कारण कांग्रेस ने केंद्र और प्रदेशों में अपनी सरकार को खोया है अब उसी रास्ते पर भाजपा चल रही है। इनकी कथनी और करनी में अंतर है। इस बार वोटिंग और मतगणना ईमानदारी से हुई तो फिर से भाजपा की सरकार आने वाली नहीं है।