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¨पजरे में फंसी मादा गुलदार, माथे पर चोट

अफजलगढ़ (बिजनौर): दो माह से दहशत का पर्याय बनी मादा गुलदार आखिर ग्राम शाहपुर जमाल में लगाए ग

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 09:24 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 09:24 PM (IST)
¨पजरे में फंसी मादा गुलदार, माथे पर चोट
¨पजरे में फंसी मादा गुलदार, माथे पर चोट

अफजलगढ़ (बिजनौर): दो माह से दहशत का पर्याय बनी मादा गुलदार आखिर ग्राम शाहपुर जमाल में लगाए गए ¨पजरे में कैद हो गई। गुलदार के माथे पर चोट के निशान हैं।

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ग्राम शाहपुर जमाल में पिछले एक सप्ताह से गुलदार की दहशत थी। मौसमपुर, धर्मपुरा, सिरयावाली, माननगर, उदयपुर समेत दर्जनभर गांवों के लोग भी भयभीत थे। वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए दो दिन पूर्व शाहपुर जमाल के जंगल में पिंजरा लगाया। बावजूद, गुलदार ने आबादी में घुसकर कई कुत्तों को निवाला बना लिया।

ग्रामीण कुंवरपाल ¨सह, ब्रजमोहन, अंकुश कुमार, गौरव, पाकेश, अनुज, जीवन ¨सह आदि ने सोमवार शाम यहां से ¨पजरा उठाकर गांव निवासी अर¨वद कुमार पुत्र जागन ¨सह की पशुशाला में रखकर पराली से ढक दिया। ¨पजरे के अंदर दो कुत्ते बांध दिए।

रात्रि करीब दो बजे कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनकर गुलदार ¨पजरे में घुसा तो अंदर ही कैद हो गया। मौके पर पहुंचे वनकर्मी गुलदार व ¨पजरे को अमानगढ़ टाइगर रिजर्व वन रेंज ले गए। डीएफओ बिजनौर एम सेम्मारन, नगीना रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मो. इरफान अंसारी, एसडीओ हरि ¨सह, अमानगढ़ के रेंजर राकेश कुमार शर्मा आदि पहुंच गए।

डीएफओ ने बताया कि करीब तीन साल की मादा गुलदार को टाइगर रिजर्व क्षेत्र में छोड़ने के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव लखनऊ पवन कुमार से अनुमति मांगी है। उपचार के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित

¨पजरे में कैद हुई मादा गुलदार ने खुद को लहूलुहान कर लिया। डीएफओ ने इसके उपचार के लिए मुख्य पशु चिकित्साधिकारीडा. भूपेन्द्र चौधरी के नेतृत्व में उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी धामपुर डा. अनिल कुमार व पशु चिकित्सक कासमपुरगढ़ी डा. एसपी की टीम गठित कर दी है। चिकित्सकों ने गुलदार के स्वस्थ होने के बाद ही इसे वन क्षेत्र में छोड़ने की बात कही। जंगल में थे मादा गुलदार व तीन शावक

ग्राम धर्मपुरा में आठ अक्टूबर को गन्ने के खेत में मादा गुलदार व उसके तीन शावक देखे गए थे। ग्रामीणों ने दो शावकों को पकड़ लिया था, जिन्हें रेंजर ने गन्ने के खेत में ही रखवा दिया था। रात्रि में तीसरा शावक न मिलने पर मादा गुलदार ने उत्पात मचाया था। ग्राम मौसमपुर के जंगल में गत 13 अक्टूबर को गुलदार का शव भी मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मृत्यु का कारण बीमारी आया था।


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