कुत्ते व नीलगाय के बच्चे को खा गया गुलदार
ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना के बावजूद रेंजर ने उनकी मदद करने के बजाय उल्टा ही जवाब दिया। उधर डीएफओ डा. एम. सेम्मारन का कहना है कि गुलदार पकड़ने के लिए कई गांवों में पिजरे लगाए जा रहे है।
बिजनौर, जेएनएन। जनपद में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। छाछरी टीप में कुत्ते को उठाकर गुलदार पेड़ पर चढ़ गया। ग्राम नियामतपुर के जंगल में गुलदार ने नीलगाय के बच्चे को निवाला बना लिया। वहीं, मोहंडिया में तालाब किनारे गुलदार के पदचिन्ह मिलने के साथ-साथ किसी और जानवर के पदचिन्ह भी मिले हैं। गुलदार के डर से किसान अपने खेतों पर जाने से डर रहे हैं। उनके सामने पशुओं के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है।
हीमपुर दीपा क्षेत्र के ग्राम छाछरी टीप के जंगल में रविवार दोपहर किसान नरपाल का नौकर दलवीर गांव से सटे जंगल में गन्ना छील रहा था। इसी बीच उसे गुलदार दिखाई दिया, जो कुत्ते का शिकार बनाकर शीशम के पेड़ पर चढ़ गया। कुत्ते को निवाला बनाकर गुलदार चला गया। किसानों को सूरज सिंह के खेत में कई जगह गुलदार के पदचिन्ह मिले। ग्रामीणों का आरोप है कि सूचना के बावजूद रेंजर ने उनकी मदद करने की बजाय उल्टा जवाब दिया।
मंडावली क्षेत्र के गांव नियामतपुर में रविवार को ओमकार सिंह उर्फ पप्पू के गन्ने के खेत में गुलदार ने नीलगाय के बच्चे को निवाला बना लिया। राजगढ़ रेंजर विजेंद्र मलिक ने वन दारोगा राम मुसाफिर, रामपाल सिंह व राजेश कुमार के साथ तलाश की, लेकिन गुलदार नहीं मिला। किसान ओमकार ने रेंजर को बताया कि जब वह अपने खेत पर गन्ना छीलने के लिए पहुंचा, तो गन्ने में सरसराहट हुई। उन्होंने खेत में घुसकर देखा तो गुलदार नीलगाय के बच्चे के अवशेष को छोड़कर भाग गया।
उधर, मंडावर क्षेत्र के ग्राम मोहंडिया में कई दिन से शांत पड़े गुलदार ने शनिवार रात तालाब के निकट किसी जानवर को अपना शिकार बना लिया। वन विभाग की टीम को रविवार सुबह तालाब किनारे गुलदार के पदचिन्ह और किसी जानवर को घसीटे जाने और खून के निशान मिले हैं। उधर, डीएफओ डा. एम. सेम्मारन का कहना है कि गुलदार पकड़ने के लिए कई गांवों में पिजरे लगाए जा रहे हैं।