गोद में बिटिया और घर में आई लक्ष्मी
म विभाग की मातृत्व हित लाभ योजना श्रमिकों के लिए वरदान साबित हो रही है। कोरोना काल में श्रम विभाग की ओर से अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को चिहित किए जाने का कार्य जारी है। नजीबाबाद क्षेत्र में अब तक 46
बिजनौर जेएनएन। श्रम विभाग की मातृत्व हित लाभ योजना श्रमिकों के लिए वरदान साबित हो रही है। कोरोना काल में श्रम विभाग की ओर से अन्य प्रदेशों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को चिन्हित किए जाने का कार्य जारी है। नजीबाबाद क्षेत्र में अब तक 468 प्रवासी श्रमिकों को चिन्हित किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों के उत्थान के लिए आपदा राहत योजना के साथ कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन जारी होने से फैक्ट्री, कंपनी सहित छोटे-बड़े उद्योग-धंधे बंद होने से श्रमिक बेरोजगार हैं। जिससे बड़ी तादाद में श्रमिकों के चूल्हे ठंडे पड़ने लगे हैं। ऐसे हालात में श्रम विभाग द्वारा जारी आपदा राहत योजना तो पंजीकृत श्रमिकों के लिए वरदान साबित हुई है। जिसके अंतर्गत श्रमिकों के खातों में एक-एक हजार रुपये की धनराशि भेजी जा रही है। इसके अलावा मातृत्व हित लाभ योजना का लाभ भी श्रमिक परिवार की महिलाओं को मिल रहा है। गांव मिर्जापुर निवासी श्रमिक विकुल कुमार का कहना है कि लॉकडाउन के चलते काम-धंधा बंद हो चुका है। दो जून की रोटी के भी लाले पड़ने लगे हैं। श्रमिक विकुल की पत्नी राहुल देवी ने बताया कि उसने पुत्री को जन्म दिया तो मातृत्व हितलाभ योजना के अंतर्गत 15 हजार रुपये उसके खाते में भेजे गए हैं। कोरोना के बुरे वक्त में इस धनराशि से परिवार का भरण-पोषण चल रहा है। वहीं, आपदा राहत योजना के तहत एक हजार रुपये की लाभ राशि ने भी काफी राहत पहुंचाई है। गांव नेकपुर निवासी सुशील कुमार का कहना है कि आपदा राहत योजना से उसे एक हजार रुपये मिले हैं। लॉकडाउन में कहीं काम नहीं मिला तो एक हजार रुपये से परिवार का गुजारा किया। हालांकि लॉकडाउन-4 में फिर से काम धंधा चलने की उम्मीद जगी है, लेकिन आपदा राहत योजना उसके लिए वरदान साबित हुई हैं।
इनका कहना है
श्रम विभाग की ओर से श्रमिकों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। पंजीकृत श्रमिकों को आवदेन करने पर ही इन योजनाओं का लाभ मिलता है।
-अरविद धीमान, श्रम प्रर्वतन अधिकारी नजीबाबाद।